देवप्रयाग से गंगासागर तक लंबे अध्ययन प्रवास पर निकले प्रख्यात चिंतक के. एन. गोविंदाचार्य ने आज रामनगर में काशीकथा की ओर से आयोजित परिचर्चा में संस्कार बाल विद्यालय के सभागार में वाराणसी में हो रहे सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यों पर गहन चर्चा की।
परिचर्चा में के एन गोविंदाचार्य ने सन 2000 से अब तक अपने लम्बे सामाजिक अध्ययन व अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि जन,जंगल,जमीन और जानवर के अस्तित्व की बात करते हुए कहा कि देश की राजनीति को प्रकृति केंद्रित बनाने की पहल करनी होगी।
उन्होंने आगे कहा कि गाँव और गाय को केंद्र में रखकर देश के आधार को मजबूत करने की दिशा में किसानों,कारीगरों व नौजवानों को सभ्यता की नींव का पत्थर बनना होगा। पूरे देश भर में हो रहे सामाजिक कार्यों व रचनात्मक पहल के उत्कृष्ट कार्यों की चर्चा करते हुए ऐसी कोशिशों के प्रतिदर्श बनाने पर जोर दिया।
परिचर्चा सत्र को संबोधित करते हुए काशीकथा व रोटी बैंक के संरक्षक प्रो प्रदीप कुमार मिश्र ने
किये जा रहे कार्यों से यात्रा दल को अवगत कराया। अपने वक्तव्य में प्रो मिश्र ने कहा कि हम सभी को पूरे देश में हो रहे प्रेरक कार्यों व अच्छे मॉडल की जानकारी रखते हुए अपने-अपने क्षेत्र में बेहतर करने के प्रयास जारी रखने होंगे, ताकि समाज की प्रत्येक इकाई को रोजगार, स्वावलम्बन व समृद्धि की दिशा में मजबूत बनाते हुए राष्ट्र को विश्वमंच पर अग्रणी बनाया जा सके।
काशीकथा द्वारा किये जा रहे कार्यों को डॉ अवधेश दीक्षित तथा रोटी बैंक वाराणसी द्वारा किये जा रहे कार्यों को किशोरकांत तिवारी ने विस्तारपूर्वक बताया तथा आगामी योजनाओं पर चर्चा की।
आज के इस परिचर्चा में मुख्य अतिथि के एन गोविंदाचार्य जी के साथ प्रो प्रदीप कुमार मिश्र, डॉ अवधेश दीक्षित, किशोरकांत तिवारी, विद्याधर द्विवेदी, विनय कुमार शुक्ला , रौशन कुमार पटेल, बृजेश सिंह, संजय शुक्ल, डॉ अनूप पति तिवारी, डॉ विकास कुमार सिंह , अरविन्द कुमार मिश्र, बलराम यादव, गोपेश पांडेय, दीपक तिवारी, अभय, जगन्नाथ, वीरेंद्र निषाद, आदि लोग शामिल थे।