नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New National Education Policy) के जरिए स्कूली शिक्षा में होने वाले बदलावों को लेकर देशभर के शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा काम तो अभी शुरू हुआ है, राष्ट्रीय शिक्षा नीति को समान रूप से प्रभावी ढंग से लागू करना होगा। उन्होंने कहा -नई शिक्षा नीति से नए युग के निर्माण के बीज पड़े हैं, यह 21वीं सदी के भारत को नई दिशा प्रदान करेगी
कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के संबंध में देशभर के शिक्षकों से उनके सुझाव मांगे थे, एक सप्ताह के भीतर ही 15 लाख से ज्यादा सुझाव मिले हैं। एनईपी में बच्चों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, इसमें अन्वेषण, गतिविधियों और मनोरंजक तरीकों की मदद से सीखने पर जोर दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक हमारे देश में अंक तथा अंकपत्र आधारित शिक्षा व्यवस्था हावी थी लेकिन अब हमें शिक्षा में आसान और नए-नए तौर-तरीकों को बढ़ाना होगा। बच्चों के लिए नए दौर के अध्ययन का मूलमंत्र होना चाहिए- भागीदारी, खोज, अनुभव, अभिव्यक्ति तथा उत्कृष्टता।
शिक्षा मंत्रालय द्वारा देश के स्कूलों तक शिक्षा नीति को पहुंचाने के लिए दो दिन के शिक्षा पर्व सम्मेलन आयोजित किया, जो गुरूवार से शुरू हुआ। जिसमें देश भर के शिक्षक और प्राधानाचार्य वर्चुअल जुड़कर अपनी बात रखी।
25 सिंतबर तक चलेगा कार्यक्रम
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक शिक्षा पर्व सम्मेलन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल और सभी जिम्मेदार लोगों तक इसे पहुंचाया जाएगा। यह पर्व 8 से 25 सिंतबर तक चलेगा। इस दौरान नीति को लेकर ज्यादा से ज्यादा वर्चुअल सम्मेलन और वेबीनार आयोजित किये जाने है। इसके लिए सभी शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों को जिम्मा भी सौंपा गया है।
अलग-अलग चरणों में होगी चर्चा
बता दें कि मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक शिक्षा नीति के अमल को लेकर सभी साझीदारों के साथ चर्चा की जो मुहिम शुरु की गई है उसका उद्देश्य है, कि नीति को लेकर किसी तरह कोई भ्रम न रहे। यह कार्यक्रम चर्चा पूरे सितंबर महीने अलग-अलग चरणों में होगी।