पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
अमेठी। अलग-अलग चिटफंड कंपनी के नाम पर लोगों से धन जमा कराने व मेच्योरिटी पूरी होने के बाद भुगतान नहीं करने वालों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है। पांच चिट फंड कंपनी के सीएमडी समेत 14 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की है। इसके बाद अपनी जमा पूंजी वापस पाने के लिए भटक रहे लोगों में पैसा मिलने की उम्मीद जगी है।
वर्ष 2013 में अमेठी के दुर्गापुर रोड पर चिट्स फंड सोसायटी नामक कंपनी ने अपनी शाखा खोली। इस शाखा पर कंपनी के बोर्ड (प्रेस्टीज इंफ्रा डेवलपर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, प्रतिष्ठा प्रोडक्ट कंपनी लिमिटेड, प्रतिष्ठा प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड व प्रेस्टीजियस कंपनी काऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी लिमिटेड आदि नाम से) बदलते रहे। लेकिन काम करने वाले चेहरे पुराने ही रहे। कंपनी के संचालकों ने निवेशकों को समझाया कि उनके जमा धन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि कुछ समय से कंपनी ने लोगों की मेच्योरिटी वापस करने में आनाकानी शुरू की तो उन्हें शक हुआ। छानबीन में लोगों को पता चला कि सभी कंपनियों का ज्यादातर कारोबार सिर्फ दिखावटी है। जमा धन वापस के लिए भटक रहे संग्रामपुर के पूरे बसाऊ दूबे मजरे अमटाही निवासी श्याम नारायण ओझा व अन्य ने कंपनियों संचालकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकारियों से शिकायत की। श्याम की तहरीर पर सोमवार को संग्रामपुर पुलिस ने पांचों कंपनियों सेे जुड़े 14 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है।
प्राथमिकी में कंपनी के सीएमडी राजीव शर्मा, डायरेक्टर राजेंद्र कुमार व अनिल शर्मा, अमटाही गांव निवासी कामता प्रसाद यादव, हरिकेश यादव, गगन यादव, प्रभाकर यादव तथा रतापुर थाना रामगंज निवासी राजेंद्र कुमार यादव व रामकुमार यादव के नाम शामिल हैं। एसएचओ प्रेम चंद्र ने बताया कि मामले की जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। केस दर्ज कराने वाले श्याम ओझा का कहना है कि अलग-अलग कंपनियों के नाम पर अमेठी जिले से कई करोड़ रुपये जमा कराए गए जिन्हें वापस करने में आनाकानी की जा रही है।
अमेठी। अलग-अलग चिटफंड कंपनी के नाम पर लोगों से धन जमा कराने व मेच्योरिटी पूरी होने के बाद भुगतान नहीं करने वालों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है। पांच चिट फंड कंपनी के सीएमडी समेत 14 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की है। इसके बाद अपनी जमा पूंजी वापस पाने के लिए भटक रहे लोगों में पैसा मिलने की उम्मीद जगी है।
वर्ष 2013 में अमेठी के दुर्गापुर रोड पर चिट्स फंड सोसायटी नामक कंपनी ने अपनी शाखा खोली। इस शाखा पर कंपनी के बोर्ड (प्रेस्टीज इंफ्रा डेवलपर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, प्रतिष्ठा प्रोडक्ट कंपनी लिमिटेड, प्रतिष्ठा प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड व प्रेस्टीजियस कंपनी काऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी लिमिटेड आदि नाम से) बदलते रहे। लेकिन काम करने वाले चेहरे पुराने ही रहे। कंपनी के संचालकों ने निवेशकों को समझाया कि उनके जमा धन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि कुछ समय से कंपनी ने लोगों की मेच्योरिटी वापस करने में आनाकानी शुरू की तो उन्हें शक हुआ। छानबीन में लोगों को पता चला कि सभी कंपनियों का ज्यादातर कारोबार सिर्फ दिखावटी है। जमा धन वापस के लिए भटक रहे संग्रामपुर के पूरे बसाऊ दूबे मजरे अमटाही निवासी श्याम नारायण ओझा व अन्य ने कंपनियों संचालकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकारियों से शिकायत की। श्याम की तहरीर पर सोमवार को संग्रामपुर पुलिस ने पांचों कंपनियों सेे जुड़े 14 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है।
प्राथमिकी में कंपनी के सीएमडी राजीव शर्मा, डायरेक्टर राजेंद्र कुमार व अनिल शर्मा, अमटाही गांव निवासी कामता प्रसाद यादव, हरिकेश यादव, गगन यादव, प्रभाकर यादव तथा रतापुर थाना रामगंज निवासी राजेंद्र कुमार यादव व रामकुमार यादव के नाम शामिल हैं। एसएचओ प्रेम चंद्र ने बताया कि मामले की जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। केस दर्ज कराने वाले श्याम ओझा का कहना है कि अलग-अलग कंपनियों के नाम पर अमेठी जिले से कई करोड़ रुपये जमा कराए गए जिन्हें वापस करने में आनाकानी की जा रही है।