संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन, मंगलवार को राज्यसभा में सपा सदस्य राम गोपाल यादव ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाया। सपा सांसद ने कोरोना वायरस महामारी के कारण बड़े पैमाने पर लोगों के बेरोजगार होने और उनमें पैदा हो रही हताशा के कारण आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि इस महामारी के कारण लोगों में मानसिक तनाव और हताशा बढ़ती जा रही है। ऐसे में लोग आत्महत्या की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने इस कड़ी में नोएडा का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां इस बीमारी के कारण 44 लोगों की मौत हुई जबकि पिछले कुछ महीनों में वहां 165 लोगों ने आत्महत्या की।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने भी मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत में कोविड-19 के कारण स्थिति और गंभीर हो गई है। उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार, हर साल दुनिया भर में आठ लाख लोग आत्महत्या कर लेते हैं और भारत में यह संख्या करीब 1.39 लाख है।
शर्मा ने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर सात में से एक व्यक्ति के अवसाद से पीड़ित होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण स्कूली बच्चों और छात्रों में अवसाद की समस्या तेजी से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि उन बच्चों के बीच यह समस्या और गंभीर है जिन्हें ऑनलाइन पढ़ाई आदि की सुविधा नहीं हैं, मध्याह्न भोजन नहीं मिल पा रहा है और कोविड को लेकर मन में भय तथा अनिश्चितता व्याप्त है।
उन्होने सरकार से इस संबंध में ठोस नीति बनाने और उचित कदम उठाने का अनुरोध किया।