अयोध्या: विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी। इसी बीच लॉकडाउन के चलते सबकुछ रुक गया। अब लॉकडाउन के दौरान ही 67 एकड़ के श्रीराम जन्मभूमि परिसर में समतलीकरण और बैरिकेडिंग के एंगल आदि को हटाने का काम तेजी से चल रहा है। जल्द ही पूरे परिसर को बराबर करके भूमि पूजन की तैयारियां शुरू होंगी। समतलीकरण और खुदाई के काम के दौरान कई सारी प्राचीन मूर्तियों और मंदिर के पुरावशेष मिल रहे हैं।
खुदाई में मिल रहीं मूर्तियां और शिवलिंग
चंपत राय ने बताया कि समतलीकरण कार्य में 3 जेसीबी, 1 क्रेन, 2 ट्रैक्टर और 10 मजदूर लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि 11 मई से चल रहे समतलीकरण कार्यक्रम के दौरान जहां हाई कोर्ट के आदेश पर एएसआई ने खुदाई करवाई थी, वहां और आसपास के इलाकों में काफी संख्या में पुरावशेष, देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प कलश, आमलक दोरजाम्ब आदि कलाकृतियां निकली है। अब तक 7 ब्लैक टच स्टोन के स्तम्भ, 6 रेडसैंड स्टोन के स्तम्भ ,5 फुट के नक्काशीनुमा शिवलिंग और मेहराब के पत्थर आदि बरामद हुए हैं।
रामलला मंदिर के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के मुताबिक, जेसीबी मशीनों की सहायता से मुख्य गर्भ स्थल और इसके बगल के चबूतरे आदि के इलाके में समतलीकरण का काम करवाया जा रहा है। इसमे काफी समय भी लगेगा। उन्होने बताया कि गहरे क्षेत्र में पटाई कर समतल बनाया जा रहा है। साथ ही जहां पहले गर्भ स्थल पर राम लला विराजमान थे, वहां के लिए बने टेढे़-मेड़े दर्शन मार्ग की लोहे की गैलरीनुमा रास्ते के एंगल आदि को भी हटाकर साफ किया गया है। जिससे मंदिर क्षेत्र और इसके आसपास के इलाके को लेकर प्लैटफॉर्म तैयार हो सके।