लखनऊ में बुधवार को दिनदहाड़े युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पीजीआई इलाके में अपने प्रॉपर्टी डीलर भाई से मिलने आए गोरखपुर के हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश यादव को स्कार्पियो सवार बदमाशों ने गोली मार दी. शुरुआती छानबीन में पुलिस इस हत्याकांड के पीछे नौकरी दिलाने के नाम पर पैसा ऐंठने को वजह सामने आ रही है. इस हत्याकांड में एक महिला भी शामिल बताई जा रही है, जिसकी तलाश की जा रही है.
बताया जा रहा है कि सचिवालय में समीक्षा अधिकारी ए के यादव के घर पर गोरखपुर के रहने वाला मानवेंद्र किराए पर रहता है. बीती रात उत्तर प्रदेश सचिवालय लिखी एक कार से मानवेंद्र का छोटा भाई दुर्गेश यादव लखनऊ पहुंचा था. आज सुबह स्कार्पियो सवार फर्रुखाबाद का रहने वाला मनीष यादव और पलक ठाकुर अपने तीन चार अन्य साथियों के साथ घर पर पहुंचे थे.
पहली मंजिल पर स्थित कमरे में दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई. यहां पुलिस को खून के निशान पुलिस भी मिले हैं. अंदेशा जताया जा रहा है इसी मारपीट के बीच दुर्गेश यादव और हमलावर लड़ते हुए गेट पर पहुंचे. जहां मनीष यादव ने अपने साथियों के साथ मिलकर दुर्गेश यादव की गोली मारकर हत्या कर दी. बाद में आरोपी मौके से फरार हो गए. हमलावरों में एक महिला पलक ठाकुर भी शामिल थी. जिनकी तलाश में पुलिस की टीमें लगा दी गई हैं.
शुरुआती जांच के बाद पुलिस का दावा है कि दुर्गेश यादव अपने भाई मानवेंद्र के साथ मिलकर सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का धंधा कर रहा था. पुलिस को कमरे से तमाम सरकारी विभागों की मोहरें, कई अभ्यर्थियों के भरे फार्म, दस्तावेज और सचिवालय में नौकरी के फार्म बरामद हुए हैं. दुर्गेश यादव गोरखपुर के पुरवा थाने का हिस्ट्रीशीटर रहा है, उस पर डकैती लूट धोखाधड़ी जैसे अपराध के कई मुकदमे दर्ज हैं.