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लखनऊ। करीब 15 साल से इंतजार कर रहे 678 आवंटियों को एलडीए ने बसंतकुंज योजना में भूखंड दिए हैैं। वहीं, वर्ष 2018 के नए 553 आवंटियों को भी भूखंड मिलने का रास्ता साफ हो गया है। वीसी अभिषेक प्रकाश ने सोमवार को सेक्टर-एन और सेक्टर-ओ के विवाद निपटाकर नए लीज प्लान को मंजूरी दे दी। अब इन 1131 आवंटियों को रजिस्ट्री कर कब्जा देने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके साथ ही एलडीए नए भूखंडों की बिक्री को पंजीकरण खोल सकेगा।
सचिव पवन गंगवार ने बताया कि वर्ष 2005 के लंबित प्रकरण का हल निकालने के लिए अहम फैसला हुआ है। इन दोनों ही सेक्टरों में ले-आउट बदलने की वजह से आवंटियों की भूखंड संख्या बदलनी पड़ी। सोमवार को सभी आवंटियों के लीज प्लान बन गए। कोशिश की है कि जिसे पहले पार्क फेेसिंग या किनारे का भूखंड मिला था, उसे वही लोकेशन मिल जाए। जिसके मामले में ऐसा नहीं हुआ तो उसे दूसरी जगह बेहतर भूखंड दिया गया है। इस काम में योजना सहायक राजेश निगम, सुनील पाल के साथ प्रभारी अधिकारी संपत्ति रामशंकर ने लीज प्लान तैयार करा प्रमुख भूमिका निभाई। सेक्टर-ओ में 425 और सेक्टर-एन में 253 भूखंड दिए गए।
डेढ़ साल में निकल सका हल
बसंतकुंज के 553 आवंटियों का हल निकलने में करीब डेढ़ साल लग गया। यहां करीब 32 साल बाद जमीन विवाद का हल पूर्व वीसी प्रभु एन सिंह ने कराया था। इसके बाद विकास कार्य शुरू हो सके। अब मौजूदा वीसी अभिषेक प्रकाश ने लीज प्लान बनाने का काम तेज कर भूखंड संख्या आवंटित कराई। यह काम एक साल से लंबित था।
493 भूखंडों का विवाद बाकी
योजना के दूसरे सेक्टरों में अब 493 आवंटियों के भूखंड के विवाद बचे हैं। सेक्टर बी में 44, सी में 4, डी में 118, आई में 167, जे में 150 आवंटी बाकी हैं। सेक्टर-जे में विकास कार्य अधूरे होने से कब्जा नहीं मिल पाया। बाकी जगह जमीन पर अतिक्रमित होने या एलडीए को कब्जा नहीं मिल पाने का विवाद है। इन्हें भी एलडीए निस्तारित कर रहा है।
बिजली के कामों के टेंडर ही नहीं
भले ही भूखंड संख्या आवंटियों को दी गई हो, एलडीए अभी तक बिजली के कामों का टेंडर नहीं कर सका है। सड़क, नाली के काम भी बचे हैं। वहीं, बिजली का काम बिल्कुल भी नहीं हुआ है। सचिव पवन गंगवार का कहना है कि जल्द टेंडर कर काम करा दिए जाएंगे। रजिस्ट्री कर भौतिक कब्जा देने से पहले काम पूरे हो जाएंगे।
26 जनवरी से खुल सकता है नया पंजीकरण
पुराने आवंटियों को भूखंड देने के बाद अब एलडीए 409 भूखंडों के लिए पंजीकरण 26 जनवरी से खोल सकता है। पुराने आवंटियों को भूखंड नहीं मिल पाने से ऐसा नहीं हो पा रहा था। इसकी भी तैयारी का संकेत वीसी ने दिया है। इससे पहले एलडीए जमीन की दरें बढ़ाने के प्रस्ताव पर फैसला लेगा। हालांकि, अधिकारी खुद जमीनों की कीमतें बढ़ाने का प्रस्ताव स्थगित करने के पक्ष में हैं। अंतिम रूप से फैसला इसके लिए बनी समिति की रिपोर्ट पर लिया जाना है।
लखनऊ। करीब 15 साल से इंतजार कर रहे 678 आवंटियों को एलडीए ने बसंतकुंज योजना में भूखंड दिए हैैं। वहीं, वर्ष 2018 के नए 553 आवंटियों को भी भूखंड मिलने का रास्ता साफ हो गया है। वीसी अभिषेक प्रकाश ने सोमवार को सेक्टर-एन और सेक्टर-ओ के विवाद निपटाकर नए लीज प्लान को मंजूरी दे दी। अब इन 1131 आवंटियों को रजिस्ट्री कर कब्जा देने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके साथ ही एलडीए नए भूखंडों की बिक्री को पंजीकरण खोल सकेगा।
सचिव पवन गंगवार ने बताया कि वर्ष 2005 के लंबित प्रकरण का हल निकालने के लिए अहम फैसला हुआ है। इन दोनों ही सेक्टरों में ले-आउट बदलने की वजह से आवंटियों की भूखंड संख्या बदलनी पड़ी। सोमवार को सभी आवंटियों के लीज प्लान बन गए। कोशिश की है कि जिसे पहले पार्क फेेसिंग या किनारे का भूखंड मिला था, उसे वही लोकेशन मिल जाए। जिसके मामले में ऐसा नहीं हुआ तो उसे दूसरी जगह बेहतर भूखंड दिया गया है। इस काम में योजना सहायक राजेश निगम, सुनील पाल के साथ प्रभारी अधिकारी संपत्ति रामशंकर ने लीज प्लान तैयार करा प्रमुख भूमिका निभाई। सेक्टर-ओ में 425 और सेक्टर-एन में 253 भूखंड दिए गए।
डेढ़ साल में निकल सका हल
बसंतकुंज के 553 आवंटियों का हल निकलने में करीब डेढ़ साल लग गया। यहां करीब 32 साल बाद जमीन विवाद का हल पूर्व वीसी प्रभु एन सिंह ने कराया था। इसके बाद विकास कार्य शुरू हो सके। अब मौजूदा वीसी अभिषेक प्रकाश ने लीज प्लान बनाने का काम तेज कर भूखंड संख्या आवंटित कराई। यह काम एक साल से लंबित था।
493 भूखंडों का विवाद बाकी
योजना के दूसरे सेक्टरों में अब 493 आवंटियों के भूखंड के विवाद बचे हैं। सेक्टर बी में 44, सी में 4, डी में 118, आई में 167, जे में 150 आवंटी बाकी हैं। सेक्टर-जे में विकास कार्य अधूरे होने से कब्जा नहीं मिल पाया। बाकी जगह जमीन पर अतिक्रमित होने या एलडीए को कब्जा नहीं मिल पाने का विवाद है। इन्हें भी एलडीए निस्तारित कर रहा है।
बिजली के कामों के टेंडर ही नहीं
भले ही भूखंड संख्या आवंटियों को दी गई हो, एलडीए अभी तक बिजली के कामों का टेंडर नहीं कर सका है। सड़क, नाली के काम भी बचे हैं। वहीं, बिजली का काम बिल्कुल भी नहीं हुआ है। सचिव पवन गंगवार का कहना है कि जल्द टेंडर कर काम करा दिए जाएंगे। रजिस्ट्री कर भौतिक कब्जा देने से पहले काम पूरे हो जाएंगे।
26 जनवरी से खुल सकता है नया पंजीकरण
पुराने आवंटियों को भूखंड देने के बाद अब एलडीए 409 भूखंडों के लिए पंजीकरण 26 जनवरी से खोल सकता है। पुराने आवंटियों को भूखंड नहीं मिल पाने से ऐसा नहीं हो पा रहा था। इसकी भी तैयारी का संकेत वीसी ने दिया है। इससे पहले एलडीए जमीन की दरें बढ़ाने के प्रस्ताव पर फैसला लेगा। हालांकि, अधिकारी खुद जमीनों की कीमतें बढ़ाने का प्रस्ताव स्थगित करने के पक्ष में हैं। अंतिम रूप से फैसला इसके लिए बनी समिति की रिपोर्ट पर लिया जाना है।