पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
नादरगंज में 40 एकड़ के प्रौद्योगिकी कॉम्प्लेक्स को मंजूरी, देश के सबसे बड़े इन्क्यूबेशन सेंटर से औद्योगिक विकास को मिलेगी उड़ान
लखनऊ। औद्योगिक विकास को गति देने के लिए नादरगंज में 40 एकड़ का प्रौद्योगिकी कॉम्प्लेक्स बनेगा। इसमें देश का सबसे बड़ा इन्क्यूबेशन सेंटर भी होगा। पीपीपी मॉडल पर यह सेंटर शुरू होने से नए उद्योग लगाने को बढ़ावा मिलने के साथ नई तकनीक को ज्यादा इस्तेमाल में लाना संभव होगा। यहां उद्यम लगाने वालों को प्रशिक्षण के साथ संचालन को तकनीकी मदद भी मिलेगी।
सेंटर की प्रयोगशाला में उत्पादों की जांच भी हो सकेगी। वहीं, आस-पास के जिलों के युवा उद्योग लगाने के लिए एक छत के नीचे नए प्रोजेक्ट पर विशेषज्ञों से सीधे चर्चा कर सकेंगे। औद्योगिक इकाई लगाने में मदद के साथ पुराने उद्यमियों की समस्या का भी तुरंत समाधान होगा। सेंटर के साथ कॉम्लेक्स में एनआईसी स्तर से प्रदेश के सभी सरकारी सेवाओं से जुड़े कार्यालयों का एकीकृत डेटाबेस भी हाईटेक सुरक्षा में रखा जाएगा। एनआईसी के अधिकारी बताते हैं कि सरकारी विभागों में ऑनलाइन सेवा से जुड़े कार्यों को गति देने के साथ सर्वर फॉल्ट को भी दूर करने में मदद मिलेगी। प्रोजेक्ट से आईटी क्षेत्र में युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे। उन्हें नौकरी के लिए मुंबई, दिल्ली, पुणे और हैदराबाद नहीं जाना पड़ेगा।
एकेटीयू में सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज निदेशक प्रो. मनीष गौड़ ने कहा कि प्रौद्योगिकी कॉम्प्लेक्स में मूल रूप से सॉफ्टवेयर डवलपमेंट व मेंटेनेंस का काम होता है। बाहर की कंपनियों से भी यह काम मिलता है। इसके लिए बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होगी। राजधानी में यह प्रयास इसलिए भी सफल होगा क्योंकि बंगलुरु आदि की अपेक्षा यहां रहना अपेक्षाकृत सस्ता है। एकेटीयू से जुड़े प्रदेश भर के कॉलेजों से हर साल काफी युवा निकलते हैं। इन्हें यहीं रोजगार के अवसर मिलेंगे।
नादरगंज में 40 एकड़ के प्रौद्योगिकी कॉम्प्लेक्स को मंजूरी, देश के सबसे बड़े इन्क्यूबेशन सेंटर से औद्योगिक विकास को मिलेगी उड़ान
लखनऊ। औद्योगिक विकास को गति देने के लिए नादरगंज में 40 एकड़ का प्रौद्योगिकी कॉम्प्लेक्स बनेगा। इसमें देश का सबसे बड़ा इन्क्यूबेशन सेंटर भी होगा। पीपीपी मॉडल पर यह सेंटर शुरू होने से नए उद्योग लगाने को बढ़ावा मिलने के साथ नई तकनीक को ज्यादा इस्तेमाल में लाना संभव होगा। यहां उद्यम लगाने वालों को प्रशिक्षण के साथ संचालन को तकनीकी मदद भी मिलेगी।
सेंटर की प्रयोगशाला में उत्पादों की जांच भी हो सकेगी। वहीं, आस-पास के जिलों के युवा उद्योग लगाने के लिए एक छत के नीचे नए प्रोजेक्ट पर विशेषज्ञों से सीधे चर्चा कर सकेंगे। औद्योगिक इकाई लगाने में मदद के साथ पुराने उद्यमियों की समस्या का भी तुरंत समाधान होगा। सेंटर के साथ कॉम्लेक्स में एनआईसी स्तर से प्रदेश के सभी सरकारी सेवाओं से जुड़े कार्यालयों का एकीकृत डेटाबेस भी हाईटेक सुरक्षा में रखा जाएगा। एनआईसी के अधिकारी बताते हैं कि सरकारी विभागों में ऑनलाइन सेवा से जुड़े कार्यों को गति देने के साथ सर्वर फॉल्ट को भी दूर करने में मदद मिलेगी। प्रोजेक्ट से आईटी क्षेत्र में युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे। उन्हें नौकरी के लिए मुंबई, दिल्ली, पुणे और हैदराबाद नहीं जाना पड़ेगा।
एकेटीयू में सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज निदेशक प्रो. मनीष गौड़ ने कहा कि प्रौद्योगिकी कॉम्प्लेक्स में मूल रूप से सॉफ्टवेयर डवलपमेंट व मेंटेनेंस का काम होता है। बाहर की कंपनियों से भी यह काम मिलता है। इसके लिए बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होगी। राजधानी में यह प्रयास इसलिए भी सफल होगा क्योंकि बंगलुरु आदि की अपेक्षा यहां रहना अपेक्षाकृत सस्ता है। एकेटीयू से जुड़े प्रदेश भर के कॉलेजों से हर साल काफी युवा निकलते हैं। इन्हें यहीं रोजगार के अवसर मिलेंगे।