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40 मिनट पहले
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1933 में हिटलर जर्मनी का चांसलर बना। इसके महज 5 हफ्ते बाद आज ही के दिन जर्मनी में पहला कन्सेंट्रेशन कैंप खोला गया। म्यूनिख से करीब 16 किलोमीटर दूर बना ये कैंप हिटलर के बनाए यातना ग्रहों के लिए मॉडल और ट्रेनिंग सेंटर था। अकेले इस कैंप में 32 हजार से ज्यादा कैदियों की मौत हुई।
12 सितंबर 1919 को सादे कपड़ों में म्यूनिख के बियर हॉल में उसने पहली बार जर्मन वर्कर्स पार्टी की मीटिंग अटेंड की। सभी वक्ताओं के बोलने के बाद हिटलर खड़ा हुआ और सभी के साथ अपनी असहमति जताई। राष्ट्रवाद के मुद्दे पर उसका भाषण इतना जबरदस्त था कि उसे पार्टी का सदस्य बनने का ऑफर दिया गया। हिटलर दो साल में उसी पार्टी का सर्वेसर्वा बन गया। आगे चलकर इस पार्टी का नाम बदलकर नाजी पार्टी किया गया।
हिटलर की पार्टी ने पहले विश्व युद्ध के बाद जर्मनी में बढ़ी बेरोजगारी का मुद्दा उठाया। यहूदी-विरोधी भावनाओं को हवा दी। 1930 तक नाजी पार्टी जर्मनी में एक बड़ी ताकत बन गई और 1933 में हिटलर जर्मनी का चांसलर बन गया।
हिटलर और उसकी नाजी सरकार ने 1933 से 1945 के दौरान अलग-अलग कन्सेंट्रेशन कैंप में लाखों यहूदियों की जान ली। उसके साम्राज्य में यहूदियों को सब-ह्यूमन करार दिया गया और उन्हें इंसानी नस्ल का हिस्सा नहीं माना गया।
ये वो दौर था जब होलोकास्ट के तहत न सिर्फ यहूदियों को मौत के घाट उतारा गया, बल्कि नाजी कैंपों में रखकर उन्हें सालों यातनाएं दी गईं। पोलैंड में मौजूद ऑशविच कैंप में नाजियों ने सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान 11 लाख से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतारा, जिसमें ज्यादातर यहूदी थे।
इसके अलावा हिटलर की सेना ने कैंप में बनी लैब में बंधकों पर तरह-तरह के क्रूर एक्सपेरिमेंट्स भी किए। होलोकास्ट में तकरीबन 60 लाख यहूदियों की हत्या की गई। इनमें 15 लाख तो सिर्फ बच्चे थे। इस दौरान कई यहूदी देश छोड़कर भाग गए, तो कुछ कन्सेंट्रेशन कैंप में क्रूरता के चलते तिल-तिल मरे।
तिब्बत में चीन के खिलाफ विद्रोह जिसने भारत-चीन को युद्ध तक पहुंचा दिया

करीब 30,000 लोग चीनी सेना को रोकने के लिए इंसानी दीवार बनाकर दलाई लामा के महल के बाहर जमा हो गए थे।
1950 में चीन ने तिब्बत पर कब्जा कर लिया था। कब्जे के बाद एक संधि की गई कि तिब्बत के भीतरी मामले धर्मगुरु दलाई लामा देखेंगे, लेकिन धीरे-धीरे तिब्बत में चीन का दखल बढ़ता गया। मार्च 1959 में खबर फैली कि चीन दलाई लामा को बंधक बनाकर बीजिंग ले जाने वाला है। इसके बाद तिब्बत की राजधानी ल्हासा में 10 मार्च 1959 से चीन के खिलाफ विद्रोह शुरू हो गया।
करीब 30,000 लोग चीनी सेना को रोकने के लिए इंसानी दीवार बनाकर दलाई लामा के महल के बाहर जमा हो गए। चीनी सेना को लोगों को हटाने के लिए तोप और मशीनगन तक लगानी पड़ी। लोगों को बुरी तरह मारा पीटा गया। दलाई लामा के बॉडीगार्ड्स को मार दिया गया। कई दिन चले संघर्ष के बाद जब चीनी सेना महल में दाखिल हुई तब तक दलाई लामा वहां से भाग चुके थे।
ल्हासा से भागकर दलाई लामा भारत पहुंचे। भारत सरकार ने उन्हें शरण दी। इस घटना ने भारत-चीन विवाद में आग में घी का काम किया और इससे 1962 के भारत-चीन युद्ध की नींव पड़ी। दलाई लामा आज भी भारत में रहते हैं। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से तिब्बत की सरकार चलती है। तिब्बत के लोग आज भी चीन के कब्जे का विरोध करते हैं।
मार्टिन लूथर किंग के हत्यारे को 99 साल की कैद
1969 में आज ही के दिन मेम्फिस की एक अदालत ने मार्टिन लूथर किंग के हत्यारे जेम्स अर्ल रे को 99 साल कैद की सजा सुनाई थी। रे ने अपना गुनाह इस शर्त पर कबूल किया था कि उसे मौत की सजा नहीं दी जाएगी। अहिंसा की बात करने वाले मार्टिन लूथर किंग की हत्या अप्रैल 1968 में हुई थी।
देश-दुनिया में 10 मार्च को इन घटनाओं के लिए भी याद किया जाता हैः
2006: पाकिस्तान के शहर क्वेटा में हुए बारूदी सुरंग ब्लास्ट में 26 लोग मारे गए।
2006: नासा का मार्स रिकॉनेसेंस ऑर्बिटर मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचा और इस ग्रह पर पानी की खोज शुरू की।
2002: फिलिस्तीन के राष्ट्रपति यासर अराफात के आने-जाने पर लगा प्रतिबंध हटाया गया।
1998: 31 साल से ज्यादा वक्त तक इंडोनेशिया के राष्ट्रपति रहने वाले सुहार्तो लगातार सातवीं और आखिरी बार राष्ट्रपति चुने गए।
1977: यूरेनस ग्रह के चारो तरफ रिंग्स की खोज हुई।
1973: बरमूडा में आज ही के दिन ब्रिटिश गवर्नर सर रिचर्डस शार्पल्स और उनके सहयोगी कैप्टन ह्यूज सेअर्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
1970: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला का जन्म हुआ। उमर के पिता फारुख और दादा शेख अब्दुला भी जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे हैं।
1945: कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया का जन्म हुआ। माधवराव के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया इस वक्त भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं।
1922: महात्मा गांधी गिरफ्तार किए गए। गांधी जी को राजद्रोह के आरोप में छह साल कैद की सजा हुई। हालाकिं, दो साल बाद ही उन्हें रिहा कर दिया गया।
1897: भारत के पहले महिला विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक सावित्रीबाई फुले का निधन।
1876: ग्राहम बेल ने पहली बार टेलीफोन पर अपने सहयोगी थॉमस वॉटसन से बात की।
1801: ग्रेट ब्रिटेन में पहली बार जनगणना हुई।