न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Updated Fri, 15 Jan 2021 11:52 AM IST
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जिन क्षेत्रों में सूखा पड़ने की आशंका हो या वर्षा ऋतु में लंबी अवधि तक वर्षा न हो, ऐसे क्षेत्रों में सूखा सहने की क्षमता वाली किस्मों की बोआई करनी चाहिए। जल प्लावन वाले क्षेत्रों में गन्ने की शरद कालीन बुआई उत्तम है। यह संभव न होने पर बसंत काल में गन्ने की अगेती बुआई करनी चाहिए। गन्ना आयुक्त ने एडवाइजरी में दिए गए सुझावों के फ्लैक्स बनवाकर चीनी मिल गेट और विभागीय कार्यालयों पर लगाने और वॉल पेंटिंग एवं समाचार पत्रों के माध्यम से गन्ना किसानों के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार कराने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है।
गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने मौसम के उतार-चढ़ाव के दौरान गन्ना फसल की सुरक्षा एवं प्रबंधन के लिए भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (आईआईएसआर) के अनुसार एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने बताया कि गन्ना फसल के प्रबंधन एवं सुरक्षा के उपायों को अपनाकर मौसम के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।
जिन क्षेत्रों में सूखा पड़ने की आशंका हो या वर्षा ऋतु में लंबी अवधि तक वर्षा न हो, ऐसे क्षेत्रों में सूखा सहने की क्षमता वाली किस्मों की बोआई करनी चाहिए। जल प्लावन वाले क्षेत्रों में गन्ने की शरद कालीन बुआई उत्तम है। यह संभव न होने पर बसंत काल में गन्ने की अगेती बुआई करनी चाहिए। गन्ना आयुक्त ने एडवाइजरी में दिए गए सुझावों के फ्लैक्स बनवाकर चीनी मिल गेट और विभागीय कार्यालयों पर लगाने और वॉल पेंटिंग एवं समाचार पत्रों के माध्यम से गन्ना किसानों के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार कराने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है।