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मुंबई6 मिनट पहले
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NCB ने 9 नवंबर 2020 को अर्जुन रामपाल के घर पर छापा मारा था। इस दौरान NCB ने उनके घर से कई प्रतिबंधित दवाईयां जब्त की थीं।- फाइल फोटो।
बॉलीवुड ड्रग्स कनेक्शन की जांच कर रही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) भले ही एक्टर अर्जुन रामपाल से अब पूछताछ नहीं कर रही, लेकिन रामपाल अब भी NCB की रडार पर हैं। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में ड्रग्स एंगल की जांच कर रही NCB ने कोर्ट दायर की गई चार्जशीट में यह खुलासा किया था। चार्जशीट में आशंका जताई गई थी कि रामपाल दक्षिण अफ्रीका भागने की फिराक में थे।
इस मामले में NCB ने 3 दिसंबर 2020 को रिपब्लिक ऑफ साउथ अफ्रीका के काउंसलेट जनरल को एक लेटर लिखा था। जिसमें कहा गया था, ‘NCB ने जिस मामले में बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था, उसी मामले में अर्जुन रामपाल भी एक सस्पेक्ट हैं। हमें शक है कि वे भारत छोड़कर साउथ अफ्रीका जा सकते हैं।’
चार्जशीट में 33 लोगों के नाम
सुशांत सिंह केस में NCB ने 50 हजार पेज की चार्जशीट पेश की थी। इसमें कुल 33 लोगों को आरोपी बनाया गया था। चार्जशीट में रामपाल की गर्लफ्रेंड के भाई एजिसिलोस डेमेट्रियड्स का नाम भी शामिल है, जिसे ड्रग्स से जुड़े दो मामलों में गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा रिया चक्रवर्ती, उनके भाई शोविक चक्रवर्ती और सुशांत के घर के मैनेजर सैमुअल मिरांडा और कुक दीपेश सावंत के नाम भी शामिल हैं।
रामपाल के घर से प्रतिबंधित दवाएं मिली थीं
NCB ने 9 नवंबर, 2020 को अर्जुन रामपाल के घर पर छापा मारा था। इस दौरान NCB ने यहां से Clonazepam Dispibleible Tablet Clonotril के 14 टैबलेट और Ultracet Tramadol Hydrochloride और Acetaminophen की चार गोलियां जब्त की थीं। इसके अलावा iPhone 11 प्रो मैक्स, एक मैकबुक प्रो और दो iPhone 10s और एक मैकबुक एयर भी जब्त किए थे।
रामपाल से दो बार हुई पूछताछ में इन बातों का खुलासा हुआ
दैनिक भास्कर के हाथ NCB की चार्जशीट का वह हिस्सा लगा है, जिसमें रामपाल का बयान दर्ज है। NCB ने अभिनेता अर्जुन रामपाल से दो बार पूछताछ की थी। रामपाल ने 13 नवंबर 2020 को अपना पहला बयान दर्ज कराया था। इसमें उन्होंने अपनी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन, पर्सनल डिटेल्स, मॉडलिंग और फिल्मों का सफर, फाइनेंशियल स्थिति और पर्सनल लाइफ के बारे में बात की थी। जिसमें उनकी गर्लफ्रेंड गैब्रिएला डेमेट्रियड्स की जानकारी भी शामिल थी। रामपाल ने बताया था कि कैसे वे 2014 में गैब्रिएला से मिले और 2018 में दोनों ने एक साथ रहना शुरू किया और अगले साल उन्हें एक बच्चा हुआ।
रामपाल का दावा- प्रतिबंधित दवाएं बहन और कुत्ते की थी
NCB को दिए बयान में रामपाल ने कहा था कि उनके घर से मिली Ultracet (tramadol) टैबलेट उनके डॉग ब्रैंडो के लिए डॉक्टर ने प्रेसक्राइब्ड की थी। जबकि दूसरी दवा Clonazepam Dispibleible Tablet उनकी बहन की थी। जिसे सितंबर 2019 में दिल्ली के डॉ. रोहित गर्ग ने प्रेसक्राइब्ड किया था। रामपाल ने बताया कि उनकी बहन कैप्री हाइट्स स्थित घर में लंबे समय तक उनके साथ रहीं थीं।
गर्लफ्रेंड के भाई के साथ कनेक्शन पर रामपाल ने यह कहा था
रामपाल से उनकी गर्लफ्रेंड के भाई डेमेट्रियड्स के बारे में भी पूछताछ की गई थी। एजेंसी को जानकारी मिली थी कि डेमेट्रियड्स, रामपाल के नाम का इस्तेमाल कर ड्रग्स के कारोबार को चला रहा था। चार्जशीट के मुताबिक, इसी मामले में NCB को संदेह है कि रामपाल भी इस सिंडिकेट का हिस्सा हो सकते हैं। डेमेट्रियड्स को लेकर रामपाल ने कहा था, ‘मैं लगभग डेढ़ साल पहले एजिसिलोस डेमेट्रियड्स से मिला था। मैं उससे परिचित हूं, लेकिन व्यक्तिगत रूप से नहीं। मैं अपने पूरे जीवन में 15 से 16 बार उससे मिला हूं। मैं 12 अक्टूबर को उनके जन्मदिन पर उससे मिला था और 18 जुलाई 2020 को वे मेरे बेटे के जन्मदिन की पार्टी में शामिल हुए थे।’
व्हाट्सएप चैट को लेकर अर्जुन रामपाल का यह था जवाब
NCB अधिकारियों ने उन्हें स्टुअर्ट नाम के व्यक्ति के साथ एजिसिलोस डेमेट्रियड्स के व्हाट्सएप चैट दिखाए और उनसे चैट को समझाने के लिए कहा। इस पर रामपाल ने कहा,’मैं स्टुअर्ट के बार में कुछ नहीं जानते। मुझे चैट से जुड़ी किसी भी बातचीत की जानकारी नहीं है।”
चैट में जिस अर्जुन का जिक्र वह मैं नहीं हूं: रामपाल
अधिकारियों ने रामपाल को डेमेट्रियड्स और स्टुअर्ट के बीच बातचीत का एक और चैट दिखाया, जहां एजिसिलोस डेमेट्रियड्स अर्जुन रामपाल के नाम का इस्तेमाल कर रहा था और उसे दोस्त और बॉस कहकर संबोधित कर रहा था। इसपर रामपाल ने कहा, “मैं यह समझाना चाहता हूं कि फ्रेंड और बॉस मैं नहीं हूं, मेरी जानकारी के अनुसार वह ‘अर्जुन D’ नाम के शख्स के साथ काम कर रहा था।
एक ग्रुप चैट को लेकर भी पूछे गए सवाल
उसके बाद उनसे व्हाट्सएप ग्रुप चैट के बारे में पूछा गया, जहां किसी अंतरराष्ट्रीय नंबर वाले व्यक्ति ने उनसे पूछा था कि “मैथ के बारे में क्या”। जवाब में, अर्जुन ने अपने बयान में कहा, “मैंने उस मैसेज का जवाब ‘?’ और ‘व्हाट्स मैथ?’ के साथ दिया है।”
रामपाल और डेमेट्रियड्स के बीच हैश को लेकर हुई बात
इसके बाद रामपाल को एजिसिलोस डेमेट्रियड्स और उनके बीच हुई एक और बातचीत दिखाई गई, जहां डेमेट्रियड्स ने पूछा कि क्या वह ऐसा कुछ चाहता है, जिसके लिए रामपाल ने जवाब दिया “All good bro” इसके बाद एजिसिलोस डेमेट्रियड्स ने फिर “हैश” पूछा।
ड्रग्स मामले में नाम इस्तेमाल करने से अंजान
इसके जवाब में रामपाल ने कहा, “इसके लिए मैंने कोई जवाब नहीं दिया। मैं उससे बात नहीं करना चाहता था और इसलिए उसे नजरअंदाज कर दिया। उसके बाद कोई बातचीत नहीं हुई।” रामपाल ने अपने बयान में यह भी कहा कि अगर एजिसिलोस डेमेट्रियड्स उनके नाम का इस्तेमाल करता है तो वह इससे अनजान हैं।
दिल्ली के डॉक्टर ने कहा-रामपाल की बहन कभी उनके क्लिनिक पर नहीं आईं
NCB ने दवाइयों को लेकर अर्जुन रामपाल की ओर से पेश किए गए प्रिसक्रिप्शन को भी सत्यापित कर लिया है। कुत्ते की दवा का पर्चा एक पशु चिकित्सालय का ही है। हालांकि, रामपाल ने जिस डॉक्टर गर्ग का प्रिसक्रिप्शन NCB को दिया है था उन्होंने अपने बयान में कहा है,”मेरे पास कोमल रामपाल का कोई रिकॉर्ड नहीं है, वे कभी मेरे चितरंजन पार्क, नई दिल्ली वाले क्लीनिक में इलाज के लिए कभी नहीं आई हैं।”
पर्चे पर 10 नवंबर की जगह गलती से 5 नवंबर लिखा
हालांकि, डॉ गर्ग ने यह माना कि फोन पर कोमल के लिए 10 नवंबर को उन्होंने परामर्श दिया था और गलती से मेडिकल पर्चे पर यह तारीख 5 नवंबर 2020 लिख दी गई। इस पर्चे को कोमल की दोस्त आरती ने क्लीनिक आकर कलेक्ट किया था। उन्होंने यह भी बताया कि वह एनसीबी के मामले और इस छापेमारी से पूरी तरह से अनजान थे। बता दें कि NCB ने 9 नवंबर को रामपाल के घर रेड की थी। डॉक्टर के इस बयान के बाद NCB को संदेह है कि इस मामले में कुछ तो बड़ा गड़बड़ है।
दूसरी बार रामपाल से पूछे गए 11 सवाल
NCB ने 21 दिसंबर को रामपाल को फिर से तलब किया, जहां उन्हें क्लोनाज़ेपम टेबलेट के बारे में 11 सवाल पूछे गए। डॉक्टर के बयान के आधार पर NCB की टीम ने जब अर्जुन रामपाल ने सवाल किया तो उन्होंने यह कहा कि मेडिकल पर्चा कोमल रामपाल के नाम पर है इसलिए इसका जवाब उन्हीं से पूछा जाना चाहिए। एजेंसी ने इसके बाद कोमल रामपाल के बयान को भी दर्ज किया है, लेकिन अभी तक उन्हें क्लीन चिट नहीं मिली है।
अभी तक किसी को नहीं दी गई क्लीन चिट: NCB
इस मामले की जांच करने वाले समीर वानखेड़े ने अदालत में कहा है कि, “जांच ज्ञात और अज्ञात लोगों के खिलाफ जारी है और अभी तक किसी को भी क्लीन चिट नहीं दी गई है।”
रिपोर्ट: निशात शम्सी