न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Updated Wed, 16 Dec 2020 12:37 AM IST
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राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अगुवाई में गठित तीन सदस्यीय एसआईटी ने गैंगस्टर विकास दुबे की अवैध तरीके से हासिल की गई 147 करोड़ रुपये की संपति की प्रवर्तन निदेशालय से गहराई से जांच कराए जाने की सिफारिश की थी। एसआईटी ने पिछले महीने सरकार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा था कि दुबे और उसके फाइनेंसर सहित उससे जुड़े सभी अपराधियों के आय के स्रोत की जांच कराई जानी चाहिए।
बता दें कि बीते 2-3 जुलाई की मध्यरात्रि कानपुर के बिकरू गांव में दुबे को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस टीम पर गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं जिसमें एक क्षेत्राधिकारी और एक थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे और पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक घायल हुआ था। घटना का मास्टरमाइंड विकास दुबे बीती 10 जुलाई को उज्जैन से कानपुर लाए जाने के दौरान एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अगुवाई में गठित तीन सदस्यीय एसआईटी ने गैंगस्टर विकास दुबे की अवैध तरीके से हासिल की गई 147 करोड़ रुपये की संपति की प्रवर्तन निदेशालय से गहराई से जांच कराए जाने की सिफारिश की थी। एसआईटी ने पिछले महीने सरकार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा था कि दुबे और उसके फाइनेंसर सहित उससे जुड़े सभी अपराधियों के आय के स्रोत की जांच कराई जानी चाहिए।
बता दें कि बीते 2-3 जुलाई की मध्यरात्रि कानपुर के बिकरू गांव में दुबे को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस टीम पर गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं जिसमें एक क्षेत्राधिकारी और एक थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे और पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक घायल हुआ था। घटना का मास्टरमाइंड विकास दुबे बीती 10 जुलाई को उज्जैन से कानपुर लाए जाने के दौरान एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था।