कार्यक्रम में मौजूद मुख्यमंत्री योगी व जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह।
– फोटो : amar ujala
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मुख्यमंत्री बुधवार को अपने आवास पर आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की बाढ़ बचाव से जुड़ी 146 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 170 परियोजनाओं का शिलान्यास कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ आपदा के लिहाज से 2017 में प्रदेश के 24 जिले अति संवेदनशील और 16 जिले संवेदनशील श्रेणी में थे। इसके बावजूद न कहीं बाढ़ से बचाव की कोई व्यवस्थित कार्ययोजना थी और न ही राहत सामग्री वितरण की। अब अन्य वर्षों के मुकाबले 6 माह पहले ही बाढ़ बचाव परियोजनाओं पर काम प्रारंभ किया जा रहा है।
सीएम ने कहा कि वर्तमान सरकार ने स्थानीय जरूरतों का आकलन कर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की। आज बड़े पैमाने पर बाढ़ से लोग सुरक्षित हुए हैं। व्यापक स्तर पर लोगों को सहायता मुहैया कराई गई है। नदियों की ड्रेजिंग और चैनलाइजेशन की व्यवस्थित कार्ययोजना बनाकर काम हुआ। इसके अच्छे परिणामों से उत्साहित तमाम जनप्रतिनिधियों ने इसे अपने क्षेत्रों में भी लागू करने की जरूरत बताई है। सीएम ने बाढ़ बचाव कार्य कार्यों की बेहतरी के लिए जियो टैगिंग और सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए जल शक्ति मंत्री और उनकी पूरी टीम की सराहना भी की।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि नदियों और बड़े नहरों की ड्रेजिंग या सफाई से निकलने वाली बालू और सिल्ट के लिए तत्काल टेंडर कराएं। इससे जो राशि प्राप्त होगी, उसे माइनिंग फंड में जमा कराएं। संवेदनशील क्षेत्रों के लिए अगर कोई आवश्यक कार्य है, तो उसे विभाग को बताएं, शासन से पूरी मदद मिलेगी।
रंग लाया प्रयास : डॉ. महेंद्र सिंह
जलशक्ति मंत्री डॉ.महेंद्र सिंह ने बताया कि 2013 में प्रदेश की 15 लाख हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित रही, जबकि लगातार किए जा रहे प्रयासों से इस बार केवल 12 हजार 5 हेक्टेयर भूमि ही बाढ़ से प्रभावित रही। उन्होंने बताया कि 2017-18 में 74, 2018-19 में 111, 2019-20 में 151 परियोजनाएं विभाग ने पूरी कीं। कोविड काल में लगातार काम करने का ही फल है कि आज 146 परियोजनाएं जनता को समर्पित की जा रही हैं। आभार जलशक्ति राज्य मंत्री विजय कश्यप ने व्यक्त किया।
लोकार्पण व शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने न केवल जनप्रतिनिधियों से कार्यों की गुणवत्ता का फीडबैक लिया, बल्कि स्थानीय जनता से भी बाढ़ बचाव कार्यों के बाबत जानकारी ली। बलरामपुर, गोरखपुर, मथुरा, सिद्धार्थ नगर, देवरिया, कुशीनगर सहित कई जिलों से स्थानीय ग्रामीणों ने सीएम को बताया कि तटबंधों की मरम्मत, बोल्डर का कार्य, ड्रेजिंग और नई परियोजनाओं का काम संतोषजनक है। ग्रामीणों ने सीएम को बाढ़ बचाव के लिए तत्परता से काम कराने पर आभार भी जताया। मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जनता से कहा कि कोई भी विकास कार्य हो रहा हो, सभी उसकी मॉनिटरिंग करें। जहां गड़बड़ी हो उसकी जानकारी दें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा प्रदेश की जनता को अब बाढ़ को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। वो सरकारें चली गईं, जिनके समय में बाढ़ बचाव की परियोजनाएं बारिश से ठीक पहले शुरू होती थीं और बाढ़ में ही बह जाती थीं। वर्तमान सरकार बाढ़ की समस्या से स्थायी निजात दिलाने के लिए नियोजित कार्य कर रही है। इससे न केवल बाढ़ के सीजन में जनजीवन सुरक्षित रहा है, बल्कि खेतों की सिंचाई क्षमता में भी इजाफा हुआ है। इससे लोगों का विश्वास भी बढ़ा है। उन्होंने कहा है कि बाढ़ से बचाव के प्रति यह सरकार की प्रतिबद्धता ही है कि परियोजनाएं छह माह पहले जनवरी में ही शुरू हो रहीं हैं और बरसात से पहले मई तक पूरी भी हो जाएंगी।
मुख्यमंत्री बुधवार को अपने आवास पर आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की बाढ़ बचाव से जुड़ी 146 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 170 परियोजनाओं का शिलान्यास कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ आपदा के लिहाज से 2017 में प्रदेश के 24 जिले अति संवेदनशील और 16 जिले संवेदनशील श्रेणी में थे। इसके बावजूद न कहीं बाढ़ से बचाव की कोई व्यवस्थित कार्ययोजना थी और न ही राहत सामग्री वितरण की। अब अन्य वर्षों के मुकाबले 6 माह पहले ही बाढ़ बचाव परियोजनाओं पर काम प्रारंभ किया जा रहा है।
सीएम ने कहा कि वर्तमान सरकार ने स्थानीय जरूरतों का आकलन कर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की। आज बड़े पैमाने पर बाढ़ से लोग सुरक्षित हुए हैं। व्यापक स्तर पर लोगों को सहायता मुहैया कराई गई है। नदियों की ड्रेजिंग और चैनलाइजेशन की व्यवस्थित कार्ययोजना बनाकर काम हुआ। इसके अच्छे परिणामों से उत्साहित तमाम जनप्रतिनिधियों ने इसे अपने क्षेत्रों में भी लागू करने की जरूरत बताई है। सीएम ने बाढ़ बचाव कार्य कार्यों की बेहतरी के लिए जियो टैगिंग और सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए जल शक्ति मंत्री और उनकी पूरी टीम की सराहना भी की।
बालू का तत्काल कराएं टेंडर
रंग लाया प्रयास : डॉ. महेंद्र सिंह
जलशक्ति मंत्री डॉ.महेंद्र सिंह ने बताया कि 2013 में प्रदेश की 15 लाख हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित रही, जबकि लगातार किए जा रहे प्रयासों से इस बार केवल 12 हजार 5 हेक्टेयर भूमि ही बाढ़ से प्रभावित रही। उन्होंने बताया कि 2017-18 में 74, 2018-19 में 111, 2019-20 में 151 परियोजनाएं विभाग ने पूरी कीं। कोविड काल में लगातार काम करने का ही फल है कि आज 146 परियोजनाएं जनता को समर्पित की जा रही हैं। आभार जलशक्ति राज्य मंत्री विजय कश्यप ने व्यक्त किया।
ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने दिया फीडबैक
लोकार्पण व शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने न केवल जनप्रतिनिधियों से कार्यों की गुणवत्ता का फीडबैक लिया, बल्कि स्थानीय जनता से भी बाढ़ बचाव कार्यों के बाबत जानकारी ली। बलरामपुर, गोरखपुर, मथुरा, सिद्धार्थ नगर, देवरिया, कुशीनगर सहित कई जिलों से स्थानीय ग्रामीणों ने सीएम को बताया कि तटबंधों की मरम्मत, बोल्डर का कार्य, ड्रेजिंग और नई परियोजनाओं का काम संतोषजनक है। ग्रामीणों ने सीएम को बाढ़ बचाव के लिए तत्परता से काम कराने पर आभार भी जताया। मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जनता से कहा कि कोई भी विकास कार्य हो रहा हो, सभी उसकी मॉनिटरिंग करें। जहां गड़बड़ी हो उसकी जानकारी दें।