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उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि के निर्माण कार्य की नींव का काम मकर संक्रांति से शुरू हो गया। मलबा हटाने का काम चल रहा है। लगभग 400 फीट लंबा, 250 फीट चौड़ा, 40 फीट तक की मिट्टी (मलबा) हटाया जा रहा है। नींव की तैयारी के लिए देश की इंजीनियरिंग टीम आईआईटी मुंबई, गुवाहाटी, मद्रास, एनआईटी सूरत, रुड़की और एनजीआरआई हैदराबाद ने टाटा और लार्सन टूब्रो के साथ बैठक कर गुण दोष पर चर्चा की। सरयू नदी का किनारा है। नदी कभी भी अपना बहाव बदल सकती है। इस पर चर्चा हुई। चंपत राय ने कहा कि भगवान राम का यह मंदिर 36 से 39 महीनों में बन जाएगा। पत्थर और तांबे से बनेगा मंदिर। लोहे का उपयोग नहीं होगा। मंदिर की बाउंड्रीवॉल लगभग छह एकड़ में होगी। मंदिर निर्माण के लिए संपूर्ण समाज के समर्पण का अभियान चल रहा है। निधि समर्पण का अभियान 45 दिन का है। 27 फरवरी को यह अभियान पूरा हो जाएगा।
करीब पांच लाख गांव का समर्पण हमें मिलेगा। शहरों के लोग भी समर्पण करेंगे। आधी आबादी तक पहुंचने का लक्ष्य है। बताया कि निधि समर्पण अभियान में 10, 100 और 1000 रुपये के कूपन हैं। इससे अधिक निधि देने वालों के लिए रसीद छापी गई है। दान देने वालों को 50 फीसदी आयकर छूट मिलेगी। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं में उत्साह और समाज में कितना उत्साह है, दौरा करके इसका अध्ययन किया जा रहा है। इसलिए रायबरेली आया हूं। हर वर्ग के लोग निधि समर्पण में सहयोग कर रहे हैं। जहां जाता हूं, वहां पर निधि समर्पण भी स्वीकार करता हूं। उन्होंने कहा कि देश के सभी शहरों के वार्डों से धन आया है। लद्दाख, लेह, अरुणाचल से समर्पण निधि धन आई है। मेघालय से समर्पण निधि आ रही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विदेश से पैसा प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार के कायदे कानून हैं। इसके लिए पंजीकरण कराना पड़ता है। पंजीकरण चल रहा है। पंजीकरण होते से धन समर्पण का आह्वान किया जाएगा।
मस्जिद निर्माण में सहयोग देने या लेने पर चर्चा बाद में : महासचिव
मीडिया ने सवाल पूछा कि अयोध्या में यदि कभी मस्जिद का निर्माण होता है तो क्या विहिप उसमें सहयोग करेगी। इस पर उन्होंने कहा कि अभी तो सहयोग देने और लेने पर कोई चर्चा नहीं हुई है। यदि कभी ऐसी कोई बात आती है तो उसमें विचार किया जाएगा। फिलहाल अभी राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण निधि अभियान चलाया जा रहा है।
श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव व विहिप के केंद्रीय अध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि केंद्र सरकार की औपचारिकता के बाद देश के बाद विदेशों में भी निधि समर्पण अभियान चलेगा। अभी केवल पंजीकरण का काम चल रहा है। प्रयास है कि राम मंदिर के निर्माण के इस अभियान में पूरी दुनिया हिस्सा बने। 36 से 39 महीने के बीच अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। मंदिर निर्माण में लोहे का प्रयोग नहीं होगा, बल्कि भगवान का मंदिर पत्थर-तांबे से बनवाया जाएगा। ट्रस्ट के महासचिव मंगलवार को लखनऊ-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे एक होटल में मीडिया से रूबरू थे।
उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि के निर्माण कार्य की नींव का काम मकर संक्रांति से शुरू हो गया। मलबा हटाने का काम चल रहा है। लगभग 400 फीट लंबा, 250 फीट चौड़ा, 40 फीट तक की मिट्टी (मलबा) हटाया जा रहा है। नींव की तैयारी के लिए देश की इंजीनियरिंग टीम आईआईटी मुंबई, गुवाहाटी, मद्रास, एनआईटी सूरत, रुड़की और एनजीआरआई हैदराबाद ने टाटा और लार्सन टूब्रो के साथ बैठक कर गुण दोष पर चर्चा की। सरयू नदी का किनारा है। नदी कभी भी अपना बहाव बदल सकती है। इस पर चर्चा हुई। चंपत राय ने कहा कि भगवान राम का यह मंदिर 36 से 39 महीनों में बन जाएगा। पत्थर और तांबे से बनेगा मंदिर। लोहे का उपयोग नहीं होगा। मंदिर की बाउंड्रीवॉल लगभग छह एकड़ में होगी। मंदिर निर्माण के लिए संपूर्ण समाज के समर्पण का अभियान चल रहा है। निधि समर्पण का अभियान 45 दिन का है। 27 फरवरी को यह अभियान पूरा हो जाएगा।
करीब पांच लाख गांव का समर्पण हमें मिलेगा। शहरों के लोग भी समर्पण करेंगे। आधी आबादी तक पहुंचने का लक्ष्य है। बताया कि निधि समर्पण अभियान में 10, 100 और 1000 रुपये के कूपन हैं। इससे अधिक निधि देने वालों के लिए रसीद छापी गई है। दान देने वालों को 50 फीसदी आयकर छूट मिलेगी। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं में उत्साह और समाज में कितना उत्साह है, दौरा करके इसका अध्ययन किया जा रहा है। इसलिए रायबरेली आया हूं। हर वर्ग के लोग निधि समर्पण में सहयोग कर रहे हैं। जहां जाता हूं, वहां पर निधि समर्पण भी स्वीकार करता हूं। उन्होंने कहा कि देश के सभी शहरों के वार्डों से धन आया है। लद्दाख, लेह, अरुणाचल से समर्पण निधि धन आई है। मेघालय से समर्पण निधि आ रही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विदेश से पैसा प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार के कायदे कानून हैं। इसके लिए पंजीकरण कराना पड़ता है। पंजीकरण चल रहा है। पंजीकरण होते से धन समर्पण का आह्वान किया जाएगा।
मस्जिद निर्माण में सहयोग देने या लेने पर चर्चा बाद में : महासचिव
मीडिया ने सवाल पूछा कि अयोध्या में यदि कभी मस्जिद का निर्माण होता है तो क्या विहिप उसमें सहयोग करेगी। इस पर उन्होंने कहा कि अभी तो सहयोग देने और लेने पर कोई चर्चा नहीं हुई है। यदि कभी ऐसी कोई बात आती है तो उसमें विचार किया जाएगा। फिलहाल अभी राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण निधि अभियान चलाया जा रहा है।