मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
– फोटो : amar ujala
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत चार तरह की सड़कें हैं। इन्हें ग्रामीण, अन्य जिला मार्ग (ओडीआर), प्रमुख जिला मार्ग (एमडीआर) और राज्य मार्ग (स्टेट हाईवे) श्रेणी में बांटा गया है। इनकी कुल लंबाई करीब 2.5 लाख किलोमीटर है।
वर्तमान व्यवस्था के अनुसार, ग्रामीण सड़क के निर्माण के दो साल तक अगर कोई खराबी होती है तो उसकी मरम्मत ठेकेदार को करानी होती है। इसी तरह ओडीआर, एमडीआर व राज्य मार्ग के लिए डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड (रखरखाव के उत्तरदायित्व की अवधि) अनुबंध की शर्तों के अनुसार एक से दो साल रखा जाता है।
ऐसे में नवीनीकरण होने से पहले काफी समय तक सड़कें राहगीरों के लिए मुसीबत बनी रहती हैं। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए पांच साल तक रखरखाव का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
प्रमुख सचिव, पीडब्ल्यूडी नितिन रमेश गोकर्ण ने कहा कि सड़कों के डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड को बढ़ाकर पांच साल करने पर संजीदगी से विचार किया जा रहा है।
लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत चार तरह की सड़कें हैं। इन्हें ग्रामीण, अन्य जिला मार्ग (ओडीआर), प्रमुख जिला मार्ग (एमडीआर) और राज्य मार्ग (स्टेट हाईवे) श्रेणी में बांटा गया है। इनकी कुल लंबाई करीब 2.5 लाख किलोमीटर है।
वर्तमान व्यवस्था के अनुसार, ग्रामीण सड़क के निर्माण के दो साल तक अगर कोई खराबी होती है तो उसकी मरम्मत ठेकेदार को करानी होती है। इसी तरह ओडीआर, एमडीआर व राज्य मार्ग के लिए डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड (रखरखाव के उत्तरदायित्व की अवधि) अनुबंध की शर्तों के अनुसार एक से दो साल रखा जाता है।
इसलिए हो रहा बदलाव
ऐसे में नवीनीकरण होने से पहले काफी समय तक सड़कें राहगीरों के लिए मुसीबत बनी रहती हैं। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए पांच साल तक रखरखाव का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
ठेकेदारों को मिलेगी अतिरिक्त राशि
प्रमुख सचिव, पीडब्ल्यूडी नितिन रमेश गोकर्ण ने कहा कि सड़कों के डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड को बढ़ाकर पांच साल करने पर संजीदगी से विचार किया जा रहा है।