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- Farmers Protest Delhi Chalo Update; Farmers Decide To Protest On The Singhu Border.
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नई दिल्ली41 मिनट पहलेलेखक: राहुल कोटियाल

दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। रविवार को किसान संगठनों ने मीटिंग की। इसके बाद बुराड़ी जाने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने 3 ऐलान किए हैं। कहा कि वो बुराड़ी नहीं जाएंगे और दिल्ली की घेराबंदी के लिए 5 प्वाइंट पर धरना देंगे। किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा बोले- हमारे पास इतना राशन है कि 4 महीने भी हमें रोड पर बैठना पड़े, तो बैठ लेंगे। गाजियाबाद बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों की पुलिस से हाथापाई हुई। हालांकि, बाद में यहां किसानों ने भजन भी गाए।
हाईवे पर बसा मिनी पंजाब
किसान आंदोलन के कारण हाईवे का नजारा मिनी पंजाब जैसा हो गया है। ट्रॉलियों को ही किसानों ने घर बना लिया है। यहीं खाना बन रहा है तो यहीं नहाने और कपड़े धोने का इंतजाम है। जगह-जगह लंगर लगे हैं। धरने वाले धरने पर बैठे हैं। खाना बनाने वाले खाना बना रहे हैं। सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है।
#WATCH Delhi: Farmers continue their protest at Ghazipur-Ghaziabad (Delhi-UP) border against the farm laws amid security deployment.
Visuals of farmers trying to break through the barricades at Ghazipur, Delhi pic.twitter.com/dMunJhmDdg
— ANI (@ANI) November 29, 2020
शाह बोले- किसानों का आंदोलन राजनीति से प्रेरित नहीं
इस ऐलान के बाद गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आंदोलन को लेकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर बैठक की। ये बैठक देर रात तक चली। अमित शाह रविवार को हैदराबाद में बोले कि मैंने कभी यह नहीं कहा कि ये आंदोलन राजनीति से प्रेरित है और न अब कह रहा हूं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर चीज पर सबका अलग नजरिया होता है।
किसान संगठनों के 3 ऐलान
1. बुराड़ी ओपन जेल, वहां नहीं जाएंगे: सिरसा ने कहा- सरकार ने यह शर्त रखी थी कि हम हाईवे खाली कर बुराड़ी जाएं। शर्त अपमानजनक है। हम बुराड़ी मैदान में नहीं जाएंगे, क्योंकि वह ओपन जेल है। इसका सबूत भी है हमारे पास। उत्तराखंड के तेजिंदर सिंह विर्क की अगुआई में किसान दिल्ली के जंतर-मंतर जाना चाहते थे। दिल्ली के प्रशासन और पुलिस ने उनके साथ धोखा किया। उन्हें जंतर-मंतर न ले जाकर बुराड़ी पार्क में कैद कर दिया।

रविवार की मीटिंग के बाद मीडिया को फैसलों की जानकारी देते हुए किसान संगठनों के नेता।
2. 5 प्वाइंट से करेंगे दिल्ली का घेराव, लंबी लड़ाई की तैयारी
सिरसा ने कहा- हम ओपन जेल में जाने की बजाय हम सोनीपत, रोहतक के बहत्तर गढ़, जयपुर से दिल्ली हाईवे, मथुरा-आगरा से दिल्ली हाईवे, गाजियाबाद से आने वाला हाईवे जाम करेंगे और दिल्ली की घेराबंदी करेंगे। 5 प्वाइंट पर हम धरना देंगे। हमने रहने के लिए ट्रैक्टर-ट्राली को घर जैसा बना रखा है। हम लंबे दौर की तैयारी करके आए हैं।
3. हमारे मंच से कोई राजनीतिक दल स्पीच नहीं देगा
किसानों ने कहा कि हमने एक कमेटी बनाई है। यही पांचों प्वाइंट पर धरने-प्रदर्शन का संचालन करेगी। किसी भी राजनीतिक दल को स्टेज पर बोलने की इजाजत नहीं है। कांग्रेस, आप या कोई भी राजनीतिक दल के लोग हमारे स्टेज पर स्पीकर के तौर पर नहीं बोलेंगे। इनके अलावा दूसरे संगठनों के जो संचालन कमेटी के तय नियमों को मानेंगे, उन्हें बोलने की इजाजत दी जाएगी।

विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने सिंघु बॉर्डर पर बैठक करके आगे की रणनीति तय की।
बुराड़ी से अपने साथियों को वापस बुलाएंगे
इसके साथ ही किसानों ने यह भी कहा कि वे बुराड़ी में मौजूद अपने साथियों को वापस बुलाएंगे। बुराड़ी में किसानों का एक ग्रुप पहले से ही डेरा डाले हुए है। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि किसान बुराड़ी मैदान पर इकट्ठे हों। इसके बाद उनसे बात की जाएगी। किसान संगठन पहले ही कह चुके हैं कि वे दिल्ली घेरने आए हैं, न कि दिल्ली में घिर जाने के लिए।
सरकार ने फिर दिया बातचीत का प्रस्ताव
यूनियन होम सेक्रेटरी अजय भल्ला ने पंजाब के 32 किसान यूनियनों को जल्दी बातचीत के लिए दिल्ली के बुराड़ी बुलाया था। उन्होंने बताया कि जैसे ही किसान बुराड़ी शिफ्ट होंगे, अगले ही दिन भारत सरकार विज्ञान भवन में किसानों के प्रतिनिधिमंडल और मंत्रियों के बीच चर्चा के लिए तैयार है। इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा था कि सरकार बातचीत के लिए तय दिन 3 दिसंबर से पहले भी किसानों से बातचीत के लिए तैयार है।

दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर मौजूद किसान।
एक प्रदर्शनकारी की जलकर मौत
किसानों के काफिले में एक हादसा हो गया। शनिवार देर रात आंदोलन में शामिल एक कार में आग लगने से गाड़ी में सो रहे एक बुजुर्ग की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि बुजुर्ग किसान ट्रैक्टर मिस्त्री था और आंदोलन में शामिल किसानों को फ्री में सर्विस दे रहा था। मृतक की पहचान 65 साल के ट्रैक्टर मिस्त्री जनकराज के रूप में हुई है। वह पंजाब के बरनाला जिले के धनोला गांव का रहने वाला था।

इसी कार में जलने से प्रदर्शनकारी की मौत हुई। घटना के समय वह कार में सो रहा था।
सुरक्षाबल और पुलिस दोनों ओर से घिरी
सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षाबल दोनों तरफ से घिर चुके हैं। तरन तारण और अमृतसर से सैकड़ों ट्रैक्टर लेकर किसानों का जो नया जत्था आया है, वह दिल्ली की ओर एंट्री ले रहा है। इस कारण अब पुलिस दोनों ओर से घिर चुकी है।
किसानों के जमावड़े को देखते हुए दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर भारी संख्या में सिक्योरिटी फोर्स तैनात है। शनिवार शाम आंदोलनकारियों ने हाईवे पर तंबू गाड़ना शुरू कर दिया। साथ ही पंजाब, हरियाणा और यूपी के किसानों का आना भी जारी रहा।
दिल्ली के नॉर्दर्न रेंज के जॉइंट सीपी सुरेंद्र यादव ने बताया कि किसान शांति से बैठे हैं और अब तक सहयोग कर रहे हैं। हमारा मकसद लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखना है। साथ ही यह भी तय करना है कि आंदोलन करने वालों को कोई परेशानी न हो।

किसान आंदोलन को देखते हुए दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर सिक्योरिटी फोर्स तैनात है।
दिल्ली से जाने वाले मुसाफिर परेशान
किसानों के आंदोलन के कारण दिल्ली से दूसरे राज्यों में जाने वाले लोग परेशान हैं। दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर नाकेबंदी और भारी सिक्योरिटी के कारण उन्हें कोई साधन नहीं मिल रहा है। इस वजह से उन्हें पैदल ही जाना पड़ रहा है।

नाकेबंदी के कारण मुसाफिर पैदल बॉर्डर पार कर रहे हैं।
‘किसानों के साथ आतंकियों जैसा बर्ताव हुआ’
किसानों को रोकने के लिए ताकत के इस्तेमाल पर शिवसेना ने सरकार को आड़े हाथ लिया है। पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि जिस तरह से किसानों को दिल्ली में घुसने से रोका गया है, ऐसा लग रहा है कि जैसे वे इस देश के हैं ही नहीं। उनके साथ आतंकवादियों जैसा बर्ताव किया गया है। वे सिख हैं और पंजाब-हरियाणा से आए हैं, इसलिए उन्हें खालिस्तानी कहा जा रहा है। यह किसानों का अपमान है।
दिल्ली सरकार बोली- किसानों से बिना शर्त बात करें
किसानों के प्रदर्शन पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के साथ बिना शर्त बात करे। इसमें कोई कंडीशन नहीं लगनी चाहिए। सरकार को बात तुरंत बात करनी चाहिए। किसान हमारे अन्नदाता हैं। वे जहां चाहें, उन्हें बैठने देना चाहिए। वे अपने घरों से कई सौ किमी दूर आए हैं, उनकी परेशानी देखनी चाहिए। वे खुशी से यहां नहीं आए। उन्हें लोकतंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने का अधिकार है।
यूपी के डिप्टी सीएम बोले- किसानों का प्रदर्शन कांग्रेस की साजिश
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को किसानों से अपना विरोध वापस लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन कांग्रेस की रची साजिश के अलावा कुछ नहीं है। एक किसान का बेटा होने के नाते, मैं देश और उत्तर प्रदेश के किसानों से कहना चाहता हूं कि कांग्रेस आपकी भावनाओं के साथ खेल रही है।