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अयोध्या के संभागीय खाद्य नियंत्रक सतेंद्र नाथ पांडेय ने बताया कि बीती सात जनवरी को राज्यमंत्री खाद्य एवं रसद तथा नागरिक आपूर्ति रणवेंद्र प्रताप सिंह ‘धुन्नी’ ने सिरौली गौसपुर और सूरतगंज स्थित धान क्रय केंद्रों का औचक निरीक्षण किया था।
निरीक्षण के समय किसानों ने बताया था कि वे धान तौलाने के लिए केंद्र पर कई दिनों से इंतजार कर रहे हैं। राज्यमंत्री ने जिन किसानों का धान खरीदा गया था उनमें से कुछ से बात की तो किसानों ने धान क्रय करना स्वीकार किया, लेकिन तौल की मात्रा में अंतर बताया। इन्हीं अव्यवस्थाओं के चलते यह कार्रवाई की गई है।
सिद्धार्थनगर में कुछ किसानों ने कई हेक्टेयर पर धान की खेती दिखा कर उसे बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा लिया और तहसील के कर्मचारियों से मिलीभगत कर इसका सत्यापन भी करवा लिया। इसके बाद पीसीएफ के चार केंद्र प्रभारियों से मिलीभगत कर हजारों क्विंटल धान बेच दिया।
खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि धान खरीद की समीक्षा के दौरान मामला सामने आने पर इसकी जांच करवाई गई। जांच में गड़बड़ी का खुलासा होने पर सिद्धार्थनगर के सात किसानों, चारों केंद्र प्रभारियों के साथ तहसील कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।
ऐसे ही कुशीनगर में एक किसान ने रजिस्ट्रेशन के दौरान 421 हेक्टेयर खेती दिखा कर यूपीपीसीयू के दो क्रय केंद्रों पर 1064 क्विंटल धान बेचा। जांच में किसान के पास सिर्फ .421 हेक्टेयर खेती पाई गई। इस मामले में भी संबंधित किसान, दोनों केंद्र प्रभारियों के साथ तहसील के कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
धान क्रय केंद्रों पर लापरवाही बरतने पर बाराबंकी के दो विपणन निरीक्षकों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। इनमें सिरौली गौसपुर के विपणन निरीक्षक तेजभान सिंह तथा सूरतगंज के विवेकानंद सिंह शामिल हैं। दोनों पर मनमाने ढंग से कार्य करने एवं शासन की धान खरीद जैसी महत्वपूर्ण योजना को बाधित करने का आरोप है।
अयोध्या के संभागीय खाद्य नियंत्रक सतेंद्र नाथ पांडेय ने बताया कि बीती सात जनवरी को राज्यमंत्री खाद्य एवं रसद तथा नागरिक आपूर्ति रणवेंद्र प्रताप सिंह ‘धुन्नी’ ने सिरौली गौसपुर और सूरतगंज स्थित धान क्रय केंद्रों का औचक निरीक्षण किया था।
निरीक्षण के समय किसानों ने बताया था कि वे धान तौलाने के लिए केंद्र पर कई दिनों से इंतजार कर रहे हैं। राज्यमंत्री ने जिन किसानों का धान खरीदा गया था उनमें से कुछ से बात की तो किसानों ने धान क्रय करना स्वीकार किया, लेकिन तौल की मात्रा में अंतर बताया। इन्हीं अव्यवस्थाओं के चलते यह कार्रवाई की गई है।
सिद्धार्थनगर में कुछ किसानों ने कई हेक्टेयर पर धान की खेती दिखा कर उसे बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा लिया और तहसील के कर्मचारियों से मिलीभगत कर इसका सत्यापन भी करवा लिया। इसके बाद पीसीएफ के चार केंद्र प्रभारियों से मिलीभगत कर हजारों क्विंटल धान बेच दिया।
ऐसे ही कुशीनगर में एक किसान ने रजिस्ट्रेशन के दौरान 421 हेक्टेयर खेती दिखा कर यूपीपीसीयू के दो क्रय केंद्रों पर 1064 क्विंटल धान बेचा। जांच में किसान के पास सिर्फ .421 हेक्टेयर खेती पाई गई। इस मामले में भी संबंधित किसान, दोनों केंद्र प्रभारियों के साथ तहसील के कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।