सरकार का कहना है कि वह इस क्षेत्र में हर तरह की रियायतों की पेशकश जारी है, और इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी को घटाकर 12% कर दिया है.
यह कोई रहस्य नहीं है कि भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए केंद्र सरकार जोर दे रही है. पिछले कुछ वर्षों में देश में 2 चरणों में फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) पॉलिसी की भी घोषणा की गई है. अब केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने विश्वास व्यक्त किया है कि अगले पांच वर्षों में, भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक निर्माण केंद्र बन जाएगा. उन्होंने कहा, सरकार इस क्षेत्र में सर्वोत्तम संभव रियायतों को बढ़ाने की कोशिश कर रही है, और बिजली से चलने वाले वाहनों पर जीएसटी को घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया है.
ई-रिक्शा को छोड़ कर, देश में बेचे जाने वाले 90% से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन 2-व्हीलर्स हैं.
इलेक्ट्रिक वाहनों पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए, मंत्री ने कहा, “मुझे ईवी सेक्टर का सामना करने वाले मुद्दों के बारे में पता है, लेकिन मुझे यह भी यकीन है कि बिक्री की मात्रा बढ़ने पर चीजें बदल जाएंगी.” उन्होंने कहा कि चीन के साथ व्यापार करने में दुनिया की अब कोई दिलचस्पी नहीं है, जो भारतीय उद्योग के लिए व्यवसाय में बदलाव का एक बहुत अच्छा अवसर है. उन्होंने यह भी कहा कि डीज़ल और पेट्रोल सीमित मात्रा में उपलब्ध होने के कारण, दुनिया को वाहन चलाने के वैकल्पिक और सस्ते स्रोतों की तलाश करनी होगी.