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गुलमर्ग28 मिनट पहले
लद्दाख में चीन से चल रहे तनाव के आर्मी के जवानों को हाई अल्टीट्यूड ऑपरेशन यानी ऊंचाई वाले इलाकों में चुनौतियों से निपटने की ट्रेनिंग दी जा रही है। यह ट्रेनिंग जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में स्थित हाई अल्टीट्यूड वॉरफेयर स्कूल (HAWS) में चल रही है। इसमें जवानों को मुश्किले भरे बर्फीले इलाकों में और खराब मौसम की स्थिति में रेस्क्यू ऑपरेशन सफल बनाने की तकनीकें सिखाई जाएंगी।
HAWS में हर साल करीब 540 जवानों को ट्रेनिंग दी जाती है। इनमें आर्मी, पैरामिलिट्री फोर्सेज और मित्र देशों के जवानों को शामिल किया जाता है। HAWS के सीनियर ट्रेनर लेफ्टिनेंट कर्नल दीपांकर हमालयन ने बताया कि इस ट्रेनिंग में जवानों को हाई अल्टीट्यूड, सुपर हाई अल्टीट्यूड और बर्फीले इलाकों में चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार किया जाता है।
ट्रेनिंग पूरी होने के बाद जवानों को माउंटेन वॉरियर्स कहा जाता है
लेफ्टिनेंट कर्नल दीपांकर हमालयन ने बताया कि HAWS में दो तरह के कोर्स करवाए जाते हैं। एक विंटर वॉरफेयर सीरीज के तहत चलने वाला कोर्स है, दूसरा माउंटेन वॉरफेयर सीरीज से जुड़ा है। इन दोनों में बेसिक और एडवांस कोर्स शामिल हैं। सभी कोर्स पूरे करने के बाद जवानों को माउंटेन वॉरियर्स के तौर पर जाना जाता है।
पीठ पर 20 किलो वजन बांधकर स्कीइंग करवाई जाती है
HAWS के दूसरे ट्रेनर मेजर सलीम जफर ने बताया कि ट्रेनिंग में मिलिट्री स्कीइंग पर फोकस रहता है, जिससे जवानों को भारी बर्फ वाले इलाकों में एक से दूसरी पोस्ट तक मूवमेंट करने और पैट्रोलिंग करने में मदद मिलती है। ट्रेनिंग के दौरान जवानों की पीठ पर वजह बांधकर स्कीइंग करवाई जाती है। शुरुआत में 5 किलो वजह रखा जाता है, फिर से बढ़ाकर 20 किलो तक किया जाता है। एडवांस ट्रेनिंग में 80 डिग्री के ढलान पर आगे बढ़ने की स्किल सिखाई जाती हैं, ताकि जवान किसी भी इलाके में सर्विलांस रख सकें, भले ही वहां कितनी ही बर्फ हो।
LoC, LAC के पास एवलांच रेस्क्यू की ट्रेनिंग भी दी जाती है
मेजर जफर ने बताया कि जवानों को बेहद खराब मौसम और एवलांच की स्थिति में एक हफ्ते तक सर्वाइव करने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। इसके बाद जवान अपने इगलू, बर्फ की खाइयां और गुफाएं बना सकते हैं। उन्हें लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास हाई अल्टीट्यूड वाले इलाकों में एवलांच रेस्क्यू की ट्रेनिंग भी दी जाती है।