सड़क पर बिखरा पड़ा कूड़ा
– फोटो : अमर उजाला
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हालांकि बड़े प्रतिष्ठानों द्वारा कूड़ा निस्तारण की क्षमता का निर्धारण करने के लिए मानक तय किया जा रहा है कि कूड़ा निस्तारण के लिए प्रतिष्ठानों को क्या-क्या व्यवस्था करनी होगी। वहीं छोटे प्रतिष्ठानों व संस्थाओं को इस व्यवस्था से मुक्त रखा गया है। विभाग के एक उच्चपदस्थ अधिकारी का कहना है कि ये व्यवस्था के लागू होने से शहरी क्षेत्रों में जहां कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था में आ रही परेशानी का समाधान हो सकेगा, वहीं वायु प्रदूषण की समस्या को भी कम करने में भी मदद मिलेगी।
प्रस्ताव के मुताबिक 100 किलोग्राम प्रतिदिन कूड़ा निकालने वाले होटल, रेस्टोरेंट, मैरिज हॉल, क्लब, सामुदायिक हाल, व्यापार मेले, 20 बेड तक के अस्पताल भी इसके दायरे में आएंगे। इसके अलावा 50 किलोग्राम प्रतिदिन कूड़ा निकालने वाली वधशाला, चिकन व मटन बिक्री वाली दुकानों समेत औद्योगिक क्षेत्र और सार्वजनिक पार्कों को भी इस व्यवस्था का पालन करना होगा।
शहरी क्षेत्र में बड़े प्रतिष्ठानों व संस्थाओं को भी अब पार्किंग की तरह कूड़ा निस्तारण के लिए जमीन आरक्षित करना होगा। इसकेलिए प्रतिष्ठानों को नगर निकायों से लाइसेंस भी जारी किया जाएगा। सरकार अब जल्द ही शहरी क्षेत्रों में गीले व सूखे कूड़े से फैलने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। इस व्यवस्था के तहत बड़े प्रतिष्ठानों को अपने यहां अपशिष्ट प्रसंस्करण सुविधा केंद्र स्थापित करना होगा। नगर विकास विभाग इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार कर रहा है जिसे जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी दिलाई जाएगी।
हालांकि बड़े प्रतिष्ठानों द्वारा कूड़ा निस्तारण की क्षमता का निर्धारण करने के लिए मानक तय किया जा रहा है कि कूड़ा निस्तारण के लिए प्रतिष्ठानों को क्या-क्या व्यवस्था करनी होगी। वहीं छोटे प्रतिष्ठानों व संस्थाओं को इस व्यवस्था से मुक्त रखा गया है। विभाग के एक उच्चपदस्थ अधिकारी का कहना है कि ये व्यवस्था के लागू होने से शहरी क्षेत्रों में जहां कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था में आ रही परेशानी का समाधान हो सकेगा, वहीं वायु प्रदूषण की समस्या को भी कम करने में भी मदद मिलेगी।
प्रस्ताव के मुताबिक 100 किलोग्राम प्रतिदिन कूड़ा निकालने वाले होटल, रेस्टोरेंट, मैरिज हॉल, क्लब, सामुदायिक हाल, व्यापार मेले, 20 बेड तक के अस्पताल भी इसके दायरे में आएंगे। इसके अलावा 50 किलोग्राम प्रतिदिन कूड़ा निकालने वाली वधशाला, चिकन व मटन बिक्री वाली दुकानों समेत औद्योगिक क्षेत्र और सार्वजनिक पार्कों को भी इस व्यवस्था का पालन करना होगा।