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डीसीपी क्राइम पीके तिवारी के मुताबिक मूल रूप से शाहजहांपुर के मस्जिदगंज चौक निवासी विनीत मिश्रा ने लड़की के नाम से सोशल मीडिया पर आईडी बना रखी थी। वह फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लड़कियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता।
दोस्ती होने पर उनकी आईडी हैककर फोटो और चैट का स्क्रीन शॉट ले लेता और उन्हें दिखाकर ब्लैकमेल करता। उसके लैपटॉप में करीब 10 हजार लड़कियों की नितांत निजी क्षणों की फोटो मिली हैं। मामले में पीजीआई थाने में एक युवती ने केस दर्ज कराया था। विनीत युवतियों से सिर्फ चैटिंग से बात करता था।
लिंक भेजकर हैक करता था आईडी
प्रभारी निरीक्षक पीजीआई आशीष द्विवेदी, साइबर क्राइम सेल के शरीफ खान और अजय प्रताप सिंह के मुताबिक विनीत दोस्ती होने के बाद फेसबुक, इंस्टाग्राम से फोटो डाउनलोड कर लेता था। उसे एक लिंक में अटैच कर युवतियों को भेजता था। इस पर लिखता था आपकी फोटो पॉर्न साइट पर पड़ी है। लिंक खोलने पर युवतियों से जीमेल अकाउंट की डिटेल मांगी जाती। इस पर युवतियां उससे चैटिंग के जरिये बात करती थीं। विनीत भरोसा दिलाकर उनका जीमेल अकाउंट अटैच करवा देता, जिसे पासवर्ड पड़ते ही हैक कर लेता। फिर युवतियों का अकाउंट हैक कर उसमें पड़े मैसेज व फोटो डाउनलोड कर दूसरा लिंक बना लेता।
इंस्पेक्टर रमेश चंद्र पांडेय के मुताबिक विनीत चैटिंग कर बताता था कि यह फोटो पॉर्न साइट पर अपलोड कर दी गई है। उसका एक परिचित इसे हटवा सकता है। इसके लिए पेटीएम व खाते में रुपये मंगवाता था। वहीं, जो युवतियां उसकी बातों में नहीं आती, उन्हें कुछ दिन बाद फोटो वायरल करने की धमकी देता। विनीत ने यू-ट्यूब से आईडी हैक करना सीखा था।
हर महीने वसूलता था रकम
साइबर क्राइम सेल के प्रभारी मथुरा राय के मुताबिक आरोपी एक युवती से हर महीने 5 से 20 हजार रुपये वसूलता था। वहीं, 20 हजार रुपये मिलने के बाद जब भी किसी युवती का नंबर या चैटिंग दिख जाती तो फिर रुपये मांगता। विनीत के मोबाइल में 400 से अधिक युवतियों से रुपये वसूली के रिकॉर्ड भी मिले हैं। वह कभी मोटी रकम नहीं मांगता। सबसे बड़ी रकम 20 हजार रुपये ही थी। रकम खाते में आने के बाद वह कुछ दिन शांत हो जाता। फिर दो से तीन महीने बाद फिर रकम वसूलता।
पूछताछ में विनीत ने बताया कि वह 2015 में ठगी कर रहा है। शुरू में उसे डर लगा, लेकिन किसी के शिकायत न करने पर उसका दुस्साहस बढ़ गया। पुलिस विनीत के खाते की जांच भी करेगी। विनीत के लैपटॉप में कई फोल्डर मिले हैं, जो अलग-अलग युवतियों के नाम से हैं। पुलिस को इनमें युवतियों के फोटो, वीडियो व चैटिंग मिली है।
डीसीपी क्राइम पीके तिवारी के मुताबिक मूल रूप से शाहजहांपुर के मस्जिदगंज चौक निवासी विनीत मिश्रा ने लड़की के नाम से सोशल मीडिया पर आईडी बना रखी थी। वह फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लड़कियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता।
दोस्ती होने पर उनकी आईडी हैककर फोटो और चैट का स्क्रीन शॉट ले लेता और उन्हें दिखाकर ब्लैकमेल करता। उसके लैपटॉप में करीब 10 हजार लड़कियों की नितांत निजी क्षणों की फोटो मिली हैं। मामले में पीजीआई थाने में एक युवती ने केस दर्ज कराया था। विनीत युवतियों से सिर्फ चैटिंग से बात करता था।
10 युवतियों के नाम से फेसबुक आईडी
लिंक भेजकर हैक करता था आईडी
प्रभारी निरीक्षक पीजीआई आशीष द्विवेदी, साइबर क्राइम सेल के शरीफ खान और अजय प्रताप सिंह के मुताबिक विनीत दोस्ती होने के बाद फेसबुक, इंस्टाग्राम से फोटो डाउनलोड कर लेता था। उसे एक लिंक में अटैच कर युवतियों को भेजता था। इस पर लिखता था आपकी फोटो पॉर्न साइट पर पड़ी है। लिंक खोलने पर युवतियों से जीमेल अकाउंट की डिटेल मांगी जाती। इस पर युवतियां उससे चैटिंग के जरिये बात करती थीं। विनीत भरोसा दिलाकर उनका जीमेल अकाउंट अटैच करवा देता, जिसे पासवर्ड पड़ते ही हैक कर लेता। फिर युवतियों का अकाउंट हैक कर उसमें पड़े मैसेज व फोटो डाउनलोड कर दूसरा लिंक बना लेता।
इंस्पेक्टर रमेश चंद्र पांडेय के मुताबिक विनीत चैटिंग कर बताता था कि यह फोटो पॉर्न साइट पर अपलोड कर दी गई है। उसका एक परिचित इसे हटवा सकता है। इसके लिए पेटीएम व खाते में रुपये मंगवाता था। वहीं, जो युवतियां उसकी बातों में नहीं आती, उन्हें कुछ दिन बाद फोटो वायरल करने की धमकी देता। विनीत ने यू-ट्यूब से आईडी हैक करना सीखा था।
युवतियों से कहता- पूरी रात बातें करो
हर महीने वसूलता था रकम
साइबर क्राइम सेल के प्रभारी मथुरा राय के मुताबिक आरोपी एक युवती से हर महीने 5 से 20 हजार रुपये वसूलता था। वहीं, 20 हजार रुपये मिलने के बाद जब भी किसी युवती का नंबर या चैटिंग दिख जाती तो फिर रुपये मांगता। विनीत के मोबाइल में 400 से अधिक युवतियों से रुपये वसूली के रिकॉर्ड भी मिले हैं। वह कभी मोटी रकम नहीं मांगता। सबसे बड़ी रकम 20 हजार रुपये ही थी। रकम खाते में आने के बाद वह कुछ दिन शांत हो जाता। फिर दो से तीन महीने बाद फिर रकम वसूलता।
शिकायत न होने पर बढ़ा दुस्साहस
पूछताछ में विनीत ने बताया कि वह 2015 में ठगी कर रहा है। शुरू में उसे डर लगा, लेकिन किसी के शिकायत न करने पर उसका दुस्साहस बढ़ गया। पुलिस विनीत के खाते की जांच भी करेगी। विनीत के लैपटॉप में कई फोल्डर मिले हैं, जो अलग-अलग युवतियों के नाम से हैं। पुलिस को इनमें युवतियों के फोटो, वीडियो व चैटिंग मिली है।