न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Updated Thu, 14 Jan 2021 12:50 PM IST
सुन्नी वफ्फ बोर्ड
– फोटो : अमर उजाला
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सुन्नी वक्फ बोर्ड के अभिलेख में फतेहपुर बाराबंकी की वक्फ संपत्ति संख्या वक्फ 4876 पर दर्ज है। आरोप है कि फतेहपुर बाराबंकी निवासी ताजुद्दीन और उनके साथी अहमद सईद पत्रावली का मुआयना करने के बहाने कार्यालय गए और पत्रावली में मूल शपथ पत्र की धारा 3 में लिखे अंक 2013 को अपने पेन से 2019 कर दिया। ये पूरा मामला बोर्ड कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद है।
वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड इंचार्ज इकबाल अहमद ने इसकी शिकायत गौतमपल्ली थाने में बीती 29 सितंबर को की थी। रिकॉर्ड इंचार्ज का कहना है कि आरोपियों ने खुद को लाभ पहुंचाने के लिये पत्रावली में छेड़छाड़ कर बदलाव किया है, जो अपराध की श्रेणी में आता है। वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एसएम शुऐब ने बताया कि पुलिस को तहरीर दिए तीन महीने बीत चुके हैं लेकिन अभी तक पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की।
‘लेनदेन’ तो नहीं कार्रवाई न होने की वजह
सूत्रों के मुताबिक आरोपी जिस अंजुमन मुस्लिमाना फंड का सचिव है उस पर कई बाग, दुकानें सहित करोड़ों रुपये की संपत्ति दर्ज है। पत्रावली में छेड़छाड़ किसी बड़े खेल की ओर इशारा कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि मामला सीसीटीवी कैमरे में कैद होने के बावजूद कार्रवाई में बोर्ड और पुलिस दोनों ओर से लापरवाही बरती जा रही है, जो पैसों के लेनदेन की वजह भी हो सकती है।
सुन्नी वक्फ बोर्ड कार्यालय में वक्फ अभिलेखों से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद है। बोर्ड ने पुलिस को तहरीर दी लेकिन तीन माह से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद न एफआईआर दर्ज हुई और न ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई।
सुन्नी वक्फ बोर्ड के अभिलेख में फतेहपुर बाराबंकी की वक्फ संपत्ति संख्या वक्फ 4876 पर दर्ज है। आरोप है कि फतेहपुर बाराबंकी निवासी ताजुद्दीन और उनके साथी अहमद सईद पत्रावली का मुआयना करने के बहाने कार्यालय गए और पत्रावली में मूल शपथ पत्र की धारा 3 में लिखे अंक 2013 को अपने पेन से 2019 कर दिया। ये पूरा मामला बोर्ड कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद है।
वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड इंचार्ज इकबाल अहमद ने इसकी शिकायत गौतमपल्ली थाने में बीती 29 सितंबर को की थी। रिकॉर्ड इंचार्ज का कहना है कि आरोपियों ने खुद को लाभ पहुंचाने के लिये पत्रावली में छेड़छाड़ कर बदलाव किया है, जो अपराध की श्रेणी में आता है। वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एसएम शुऐब ने बताया कि पुलिस को तहरीर दिए तीन महीने बीत चुके हैं लेकिन अभी तक पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की।
‘लेनदेन’ तो नहीं कार्रवाई न होने की वजह
सूत्रों के मुताबिक आरोपी जिस अंजुमन मुस्लिमाना फंड का सचिव है उस पर कई बाग, दुकानें सहित करोड़ों रुपये की संपत्ति दर्ज है। पत्रावली में छेड़छाड़ किसी बड़े खेल की ओर इशारा कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि मामला सीसीटीवी कैमरे में कैद होने के बावजूद कार्रवाई में बोर्ड और पुलिस दोनों ओर से लापरवाही बरती जा रही है, जो पैसों के लेनदेन की वजह भी हो सकती है।