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- On January 28, Tikait Had Wept And Said, Now I Will Drink Water From The Village Only, NRI Brought Water From Thames River From Britain
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नई दिल्लीएक घंटा पहले
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रोहित अहलावत (दाएं) 7 फरवरी को लंदन से दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे। यहां से पत्नी व चार साल के बेटे के साथ पानी लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे और टिकैत (बाएं) को पिलाया।
‘मैं तब तक उपवास रखूंगा, जब तक मेरे गांव से पानी नहीं आ जाता।’ 26 जनवरी को लालकिले पर हुई हिंसा के ठीक दो दिन बाद गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत ने रोते-रोते यही बयान दिया था। प्रशासन की सख्त कार्रवाई के बाद टिकैत रो पड़े थे। ये तस्वीरें सात समंदर पार लंदन भी पहुंच गईं। इसके बाद लंदन से NRI दिल्ली आए और टिकैत को टेम्स नदी का पानी अपने हाथों से पिलाया।
गाजीपुर पहुंचे NRI रोहित अहलावत
28 जनवरी की घटना के 9 दिन बाद यानी 7 फरवरी को NRI रोहित अहलावत गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। वे टिकैत के लिए लंदन के टेम्स नदी का पानी लेकर आए थे। 7 फरवरी को अहलावत ने अपने हाथों से टिकैत को टेम्स नदी का पानी पिलाया। रोहित पिछले 11 साल से लंदन में रहते हैं। वे हरियाणा के झज्जर जिले के ढांडलान गांव के रहने वाले हैं।
बाबा के आंसू लंदन से भारत ले आया- NRI
रोहित ने बताया कि वे शुरू से ही किसान आंदोलन को करीब से देख रहे हैं। 28 जनवरी की घटना मुझे आज भी याद है, जब बाबा टिकैत ने रोते हुए प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया और गांव से पानी मंगवाया। तब मैंने सोच लिया था कि उनके लिए मैं टेम्स नदी का पानी ले आऊंगा। 7 फरवरी को मैं दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा और पत्नी व चार साल के बेटे के साथ पानी लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचा।
26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर जमकर हिंसा हुई थी। 28 जनवरी को स्थानीय प्रशासन ने गाजीपुर बॉर्डर से सारी सुविधाएं हटा दीं। प्रशासन की इस कार्रवाई पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि देश ने मुझे झंडा दिया है तो पानी भी देगा। मैं गाजियाबाद का पानी नहीं पीयूंगा। गांव के लोग पानी लेकर आएंगे तब मैं पीयूंगा। दूसरे दिन गांव से पानी और भोजन भी आया और टिकैत ने अपना उपवास तोड़ा।