कोरोना महामारी से निपटने के लिए एक तरफ स्वास्थ्य सुविधाओं का रोना रोया जा रहा है तो दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग की बेपरवाही से सांसद विधायक निधि का धन डंप पड़ा हुआ है। आजमगढ़ के सांसद व सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सांसद निधि से एक करोड़ रुपये कोरोना से लड़ाई में खर्च करने के लिए प्रस्तावित किया है। स्वास्थ्य विभाग इस धन में से अभी केवल 32 लाख ही खर्च कर पाया है। इसी तरह अन्य जनप्रतिनिधियों के डेढ़ करोड़ की निधि में से केवल 22 लाख ही खर्च हो सका है। अधिकारियों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग इस्टीमेट नहीं दे रहा है। इस्टीमेट देते ही धनराशि अवमुक्त कर दी जाती है।
जिले के सांसद एवं सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक करोड़, बसपा सांसद संगीता आजाद ने 50 लाख, पूर्व कैबिनेट मंत्री विधायक दुर्गा प्रसाद यादव ने 25 लाख, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर ने 20 लाख, बसपा विधायक वंदना सिंह ने 15 लाख, अरमरदन आजाद ने 25 लाख, भाजपा विधायक अरूण कांत यादव ने 15 लाख अपने निधि से कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रस्तावित किया है।
इस तरह जिले के सात जनप्रतिनिधियों ने ढाई करोड़ का प्रस्ताव दिया। इस धनराशि का उपयोग तभी हो सकता है, जब स्वास्थ्य विभाग इस्टीमेट बनाकर देगा। मगर अभी तक स्वास्थ विभाग केवल 54 लाख का ही इस्टीमेट जिला प्रशासन को दे पाया है। इससे सांसद अखिलेश यादव की निधि का 32 लाख राजकीय मेडिकल कालेज को और सांसद संगीता आजाद की निधि का 22.22 लाख जिला अस्पताल के लिए अवमुक्त हो पाया है। दोनों सांसदों की निधि का ही सत्तर से अस्सी प्रतिशत धन पड़ा हुआ है। अन्य जनप्रतिनिधियों के धन में से अभी तक कुछ भी इस्तेमाल नहीं हो सका है।
परियोजना निदेशक अभिमन्यु सिंह का कहना है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए दो सांसदों और पांच विधायकों के प्रस्ताव पर निधि की ढाई करोड़ की राशि स्वीकृत कर ली गई है। मगर जब तक स्वास्थ्य विभाग इस्टीमेट बना कर नहीं देगा, तब तक धनराशि नहीं खर्च की जा सकती है। अभी तक 54 लाख का ही इस्टीमेट दिया है। इतनी राशि खर्च की जा चकुी है।