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एसजीपीजीआई में अति गंभीर मरीजों के लिए जून तक दो नई सुविधाएं शुरू हो रही हैं। एक तरफ इमरजेंसी ब्लॉक तैयार हो जाएगा तो दूसरी तरफ अति गंभीर मरीजों के लिए एयर एंबुलेंस सुविधा भी शुरू हो रही है। इससे अति गंभीर मरीजों को अस्पताल ले आने अथवा यहां से दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने की बेहतर सुविधा हो सकेगी।
संस्थान के निदेशक के रूप में एक वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले प्रो. आरके धीमान ने बताया कि निर्माणाधीन इमरजेंसी ब्लॉक का कार्य जून तक पूरा हो जाएगा। इससे संस्थान को करीब 550 अतिरिक्त बेड मिल जाएंगे। इमरजेंसी ब्लॉक के बगल में ही एयर एंबुलेंस के लिए रनवे सहित अन्य तैयारियां की जा रही हैं। इसे भी जून तक पूरा कर लिया जाएगा। अभी तक यह सुविधा उत्तर प्रदेश के किसी चिकित्सा संस्थान में नहीं है। पिछले साल सड़क हादसे में घायल उन्नाव रेप पीड़िता को एयर एंबुलेंस से एम्स नई दिल्ली शिफ्ट किया गया था। इसके लिए केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर से एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाना पड़ा था।
रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर सहित अन्य सुविधाएं भी
प्रो. धीमान ने बताया कि जून तक इमरजेंसी एंड रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर शुरू हो जाएगा। इसके अलावा एडवांस डायबिटिक सेंटर, डिपार्टमेंट ऑफ हेपेटोलॉजी की भी सुविधाएं शुरू की जा रही हैं। सालभर की उपलब्धियां बताते हुए निदेशक ने कहा कि सेंटर ऑफ एंक्सीलेंस फॉर इंफेसियस डिजीज, पीडियाट्रिक इंडोक्राइनोलॉजी, ऑर्गन ट्रांसप्लांट आदि की सुविधाएं शुरू करने का भी प्रयास किया जा रहा है। ये सुविधाएं शुरू होने से मरीजों के काफी फायदा मिलेगा। रिक्त पदों पर संकाय सदस्यों की नियुुक्ति के लिए भी प्रयास चल रहा है। कोविड के दौरान 318 बेड के राजधानी कोविड हॉस्पिटल के जरिए पूरे प्रदेश के मरीजों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई। 52 मेडिकल कॉलेजों को वर्चुअल सलाह दी गई।
एसजीपीजीआई में अति गंभीर मरीजों के लिए जून तक दो नई सुविधाएं शुरू हो रही हैं। एक तरफ इमरजेंसी ब्लॉक तैयार हो जाएगा तो दूसरी तरफ अति गंभीर मरीजों के लिए एयर एंबुलेंस सुविधा भी शुरू हो रही है। इससे अति गंभीर मरीजों को अस्पताल ले आने अथवा यहां से दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने की बेहतर सुविधा हो सकेगी।
संस्थान के निदेशक के रूप में एक वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले प्रो. आरके धीमान ने बताया कि निर्माणाधीन इमरजेंसी ब्लॉक का कार्य जून तक पूरा हो जाएगा। इससे संस्थान को करीब 550 अतिरिक्त बेड मिल जाएंगे। इमरजेंसी ब्लॉक के बगल में ही एयर एंबुलेंस के लिए रनवे सहित अन्य तैयारियां की जा रही हैं। इसे भी जून तक पूरा कर लिया जाएगा। अभी तक यह सुविधा उत्तर प्रदेश के किसी चिकित्सा संस्थान में नहीं है। पिछले साल सड़क हादसे में घायल उन्नाव रेप पीड़िता को एयर एंबुलेंस से एम्स नई दिल्ली शिफ्ट किया गया था। इसके लिए केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर से एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाना पड़ा था।
रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर सहित अन्य सुविधाएं भी
प्रो. धीमान ने बताया कि जून तक इमरजेंसी एंड रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर शुरू हो जाएगा। इसके अलावा एडवांस डायबिटिक सेंटर, डिपार्टमेंट ऑफ हेपेटोलॉजी की भी सुविधाएं शुरू की जा रही हैं। सालभर की उपलब्धियां बताते हुए निदेशक ने कहा कि सेंटर ऑफ एंक्सीलेंस फॉर इंफेसियस डिजीज, पीडियाट्रिक इंडोक्राइनोलॉजी, ऑर्गन ट्रांसप्लांट आदि की सुविधाएं शुरू करने का भी प्रयास किया जा रहा है। ये सुविधाएं शुरू होने से मरीजों के काफी फायदा मिलेगा। रिक्त पदों पर संकाय सदस्यों की नियुुक्ति के लिए भी प्रयास चल रहा है। कोविड के दौरान 318 बेड के राजधानी कोविड हॉस्पिटल के जरिए पूरे प्रदेश के मरीजों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई। 52 मेडिकल कॉलेजों को वर्चुअल सलाह दी गई।