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%ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली-2016% के सभी प्रावधानों के मुताबिक चयनित निकायों में ठोस कूड़ा प्रबंधन से संबंधित आठ कार्य कराए जाएंगे। नगर विकास विभाग के आदेश पर स्वच्छ भारत मिशन राज्य निदेशालय ने इन निकायों के नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। मॉडल प्लान सफल रहने पर क्रमवार इसे सभी निकायों में लागू किया जाएगा।
दरअसल, स्वच्छ भारत मिशन लागू होने के बाद से राष्ट्रीय स्तर पर कराए गए स्वच्छता सर्वेक्षण में यूपी के किसी भी शहर की परफारमेंस संतोषजनक नहीं रही है। कई प्रयासों के बाद भी प्रदेश का कोई भी शहर %अंडर-10% में स्थान नहीं बना पाया।
छह महीने में पूरे करने होंगे यह कार्य
– सभी वार्डों में ठोस कूड़े का डोर टू डोर कलेक्शन
– वार्डों में उठान स्थल पर ही सूखे व गीले कूड़े को अलग करना
– दोनों तरह के कूड़े को ढोने की अलग-अलग परिवहन व्यवस्था
– कंपोस्ट पिट व मैटेरियल रिकवरी सेंटर (एमआरएस) के लिए भूमि चयन
– सरकारी भूमि की अनुपलब्धता की स्थिति में लीज या क्रय कर भूमि की व्यवस्था
– सूखे कूड़े के लिए कंपोस्ट पिट व गीले कूड़े के एमआरएस या प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना
– कूड़ा निस्तारण के लिए शहर के बाहरी क्षेत्र में गड्ढे जैसी भूमि का चयन करना
– लीगेसी वेस्ट को चिह्नित कर उसके निस्तारण के लिए एजेंसी का चयन करना
स्वच्छता भारत मिशन के तहत शहरों की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए लखनऊ समेत छह नगर निकायों में वैज्ञानिक ढंग से ठोस कूड़े के निस्तारण के लिए मॉडल एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। इसमें लखनऊ, वाराणसी और मथुरा-वृंदावन नगर निगम के साथ तीन छोटे निकाय बुढ़ाना (मुजफ्फरनगर), दयालबाग (आगरा) और उरई नगर पालिका परिषद को शामिल किया जाएगा। निकायों के सभी कार्यों को छह महीने में पूरा करना होगा। इसकी समीक्षा उप्र सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मानीटरिंग कमेटी हर 15 दिन में करेगी।
%ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली-2016% के सभी प्रावधानों के मुताबिक चयनित निकायों में ठोस कूड़ा प्रबंधन से संबंधित आठ कार्य कराए जाएंगे। नगर विकास विभाग के आदेश पर स्वच्छ भारत मिशन राज्य निदेशालय ने इन निकायों के नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। मॉडल प्लान सफल रहने पर क्रमवार इसे सभी निकायों में लागू किया जाएगा।
दरअसल, स्वच्छ भारत मिशन लागू होने के बाद से राष्ट्रीय स्तर पर कराए गए स्वच्छता सर्वेक्षण में यूपी के किसी भी शहर की परफारमेंस संतोषजनक नहीं रही है। कई प्रयासों के बाद भी प्रदेश का कोई भी शहर %अंडर-10% में स्थान नहीं बना पाया।
छह महीने में पूरे करने होंगे यह कार्य
– सभी वार्डों में ठोस कूड़े का डोर टू डोर कलेक्शन
– वार्डों में उठान स्थल पर ही सूखे व गीले कूड़े को अलग करना
– दोनों तरह के कूड़े को ढोने की अलग-अलग परिवहन व्यवस्था
– कंपोस्ट पिट व मैटेरियल रिकवरी सेंटर (एमआरएस) के लिए भूमि चयन
– सरकारी भूमि की अनुपलब्धता की स्थिति में लीज या क्रय कर भूमि की व्यवस्था
– सूखे कूड़े के लिए कंपोस्ट पिट व गीले कूड़े के एमआरएस या प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना
– कूड़ा निस्तारण के लिए शहर के बाहरी क्षेत्र में गड्ढे जैसी भूमि का चयन करना
– लीगेसी वेस्ट को चिह्नित कर उसके निस्तारण के लिए एजेंसी का चयन करना