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- Teej festival The First Ekadashi Fast Of The Month Of Chaitra Is On March 28, On This Day, In The Coincidence Of Monday, Shiva Worship Will Get The Full Fruit Of The Fast.
24 मिनट पहले
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चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है। जो 28 मार्च को रहेगा। इस बार एकादशी तिथि रविवार की शाम से शुरू हो जाएगी और सोमवार को सूर्योदय के वक्त रहते हुए शाम तकरीबन साढ़े 4 बजे तक रहेगी। इसलिए ये व्रत बुधवार को ही किया जाएगा। हिंदी कैलेंडर की पहली एकादशी होने से इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष महत्व भी रहता है।
व्रत से हजार गायों के दान का पुण्य
पद्म, स्कंद और विष्णु पुराण के मुताबिक, पापमोचनी एकादशी व्रत करने से हर तरह के दोष और पाप खत्म हो जाते हैं। इस एकादशी व्रत से कष्ट भी दूर हो जाते हैं। इस व्रत को करने से कई यज्ञ करने जितना पुण्य फल मिलता है। ग्रंथों में कहा है कि पापमोचिनी एकादशी का व्रत करने से सहस्त्र अर्थात् हजार गायों के दान का फल मिलता है। ब्रह्महत्या, स्वर्ण चोरी और सुरापान जैसे महापाप भी इस व्रत को करने से दूर हो जाते हैं।
शिव और विष्णु पूजा का संयोग
सोमवार को शिवजी की विशेष पूजा की जाती है। इस बार एकादशी और सोमवार का योग होने से इस दिन विष्णुजी के साथ शिवजी की पूजा करने से व्रत का पूरा शुभ फल मिलेगा। सोमवार को आने वाली एकादशी पर भगवान विष्णु और शिव मंदिर में तिल के तेल से भरा दीपक लगाने का विधान ग्रंथों में बताया गया है। धर्म ग्रंथों के जानकारों का कहना है कि ऐसा करने से जाने-अनजाने में हुए पाप तो खत्म होते ही है। मनोकामनाएं भी पूरी होती है।
कैसे करें विष्णु पूजा
एकादशी तिथि पर सूर्योदय से पहले तिल मिले पानी से नहाने के बाद व्रत और दान करने का संकल्प लें। फिर ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते हुए पंचामृत और शुद्ध जल से विष्णु भगवान की मूर्ति का अभिषेक करें। इसके बाद फूल और तुलसी पत्र फिर पूजा सामग्री चढ़ाएं। पूजा के बाद तिल का नैवेद्य लगाकर प्रसाद लें और बांट दें। इस तरह पूजा करने से कई गुना पुण्य फल मिलता है और जाने-अनजाने हुए हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।
शिवजी के अभिषेक से दूर होंगी परेशानियां
शिवजी के मंदिर में जाकर ऊँ नम: शिवाय मंत्र बोलते हुए शिवलिंग पर जल और दूध से अभिषेक करें। फिर बिल्व पत्र और फूल चढ़ाएं। इसके बाद काले तिल चढ़ाएं। इसके बाद शिव मूर्ति या शिवलिंग के नजदीक तिल के तेल का दीपक लगाएं। शिव पुराण का कहना है कि ऐसा करने से हर तरह की परेशानियां और बीमारियां खत्म होने लगती है।
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