मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
– फोटो : amar ujala
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इस विधेयक में जबरन धर्मांतरण पर अलग-अलग श्रेणियों में एक वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की सजा और पंद्रह हजार से लेकर पचास हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। कोर्ट को यह अधिकार दिया गया है कि वह पीड़ित को क्षतिपूर्ति के तहत पांच लाख रुपये तक का हर्जाना देने का आदेश भी कर सकता है। यही नहीं एक से अधिक बार धर्मांतरण से जुड़ा अपराध करने पर दोगुनी सजा का प्रावधान है।
– अगर कोई व्यक्ति या संस्था धर्म परिवर्तन का आयोजन करवा रहे हों उन्हें एक माह पहले डीएम या एडीएम को इसकी जानकारी देनी होगी। इसके बाद डीएम के स्तर से पुलिस के जरिए करवाई जाएगी। अगर कोई दबाव बनाकर, लालच देकर या अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके जिला प्रशासन को गलत सूचना देकर धर्म परिवर्तन करवाता पाया जाएगा तो यह अवैध और शून्य हो जाएगा।
– खुद को जबरन धर्मांतरण में निर्दोष साबित करने का भार आरोपी पर ही होगा।
– धर्म परिवर्तन के लिए परामर्श देने वाले, मदद करने वाले और अपराध के लिए दुष्प्रेरित करने वालों को भी इसमें आरोपित बनाया जाएगा।
इस विधेयक में जबरन धर्मांतरण पर अलग-अलग श्रेणियों में एक वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की सजा और पंद्रह हजार से लेकर पचास हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। कोर्ट को यह अधिकार दिया गया है कि वह पीड़ित को क्षतिपूर्ति के तहत पांच लाख रुपये तक का हर्जाना देने का आदेश भी कर सकता है। यही नहीं एक से अधिक बार धर्मांतरण से जुड़ा अपराध करने पर दोगुनी सजा का प्रावधान है।
मसौदे में ये भी हैं प्रावधान
– अगर कोई व्यक्ति या संस्था धर्म परिवर्तन का आयोजन करवा रहे हों उन्हें एक माह पहले डीएम या एडीएम को इसकी जानकारी देनी होगी। इसके बाद डीएम के स्तर से पुलिस के जरिए करवाई जाएगी। अगर कोई दबाव बनाकर, लालच देकर या अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके जिला प्रशासन को गलत सूचना देकर धर्म परिवर्तन करवाता पाया जाएगा तो यह अवैध और शून्य हो जाएगा।
– खुद को जबरन धर्मांतरण में निर्दोष साबित करने का भार आरोपी पर ही होगा।
– धर्म परिवर्तन के लिए परामर्श देने वाले, मदद करने वाले और अपराध के लिए दुष्प्रेरित करने वालों को भी इसमें आरोपित बनाया जाएगा।