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गौरीगंज (अमेठी)। जिला मुख्यालय का रेलवे स्टेशन होने के बावजूद दोपहर बाद टिकट का आरक्षण न होना यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। कंप्यूटर सिस्टम व पर्याप्त कर्मी होने के बावजूद स्टेशन पर सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक ही टिकटों की बुकिंग हो रही है। कई ट्रेनों के चार घंटे पहले तक टिकट बुकिंग की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है।
कोविड संक्रमण काल में सिर्फ आरक्षित टिकट पर ही रेल यात्रा की अनुमति होने के बावजूद रेल विभाग सुविधा बढ़ाने को तैयार नहीं है। रेलवे की ओर से ट्रेन प्रस्थान के 30 मिनट पहले तक जरनल सीट का आरक्षण तो चार घंटे पहले तक स्लीपर व अन्य क्लासों में आरक्षण की व्यवस्था बनाई गई है।
स्टेशन पर आरक्षित व साधारण टिकटों की बुकिंग के लिए दो कंप्यूटर सिस्टम के साथ आरक्षण लिपिक के दो, वाणिज्य लिपिक पद के तीन कर्मी वर्तमान में तैनात हैं। सिस्टम व कर्मी की तैनाती व स्टेशन अधीक्षक के पत्र तथा यात्रियों की मांग के बावजूद स्टेशन पर मात्र सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक ही टिकटों की बुकिंग की जा रही है।
ऐसे में जहां दोपहर दो बजे के बाद यहां से गुजरने वाली अप पद्मावत एक्सप्रेस, डाउन नीलांचल एक्सप्रेस, लखनऊ-प्रयाग पैसेंजर, कानपुर इंटरसिटी समेत कई ट्रेन होने के बावजूद यात्रियों को आरक्षित टिकट नहीं मिल पा रहा है।
आरक्षित टिकट नहीं मिलने से जहां यात्रियों को निजी वाहनों के साथ अमेठी स्टेशन की परिक्रमा करने को मजबूर होना पड़ा रहा है वहीं विभाग को प्रतिदिन करीब 50 हजार रुपये की आर्थिक क्षति भी हो रही है। ऐसा नहीं कि मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को न हो।
यात्रियों की मांग पर स्टेशन अधीक्षक की ओर से लगातार पत्राचार करने के बावजूद अफसर चुप्पी साधे हुए हैं। स्टेशन अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि दोपहर बाद आरक्षित टिकटों की बुकिंग नहीं होने से यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। दोपहर बाद आरक्षित टिकट नहीं मिलने से आए दिन यात्री व कर्मियों के बीच विवाद की स्थित बन रही है।
गौरीगंज (अमेठी)। जिला मुख्यालय का रेलवे स्टेशन होने के बावजूद दोपहर बाद टिकट का आरक्षण न होना यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। कंप्यूटर सिस्टम व पर्याप्त कर्मी होने के बावजूद स्टेशन पर सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक ही टिकटों की बुकिंग हो रही है। कई ट्रेनों के चार घंटे पहले तक टिकट बुकिंग की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है।
कोविड संक्रमण काल में सिर्फ आरक्षित टिकट पर ही रेल यात्रा की अनुमति होने के बावजूद रेल विभाग सुविधा बढ़ाने को तैयार नहीं है। रेलवे की ओर से ट्रेन प्रस्थान के 30 मिनट पहले तक जरनल सीट का आरक्षण तो चार घंटे पहले तक स्लीपर व अन्य क्लासों में आरक्षण की व्यवस्था बनाई गई है।
स्टेशन पर आरक्षित व साधारण टिकटों की बुकिंग के लिए दो कंप्यूटर सिस्टम के साथ आरक्षण लिपिक के दो, वाणिज्य लिपिक पद के तीन कर्मी वर्तमान में तैनात हैं। सिस्टम व कर्मी की तैनाती व स्टेशन अधीक्षक के पत्र तथा यात्रियों की मांग के बावजूद स्टेशन पर मात्र सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक ही टिकटों की बुकिंग की जा रही है।
ऐसे में जहां दोपहर दो बजे के बाद यहां से गुजरने वाली अप पद्मावत एक्सप्रेस, डाउन नीलांचल एक्सप्रेस, लखनऊ-प्रयाग पैसेंजर, कानपुर इंटरसिटी समेत कई ट्रेन होने के बावजूद यात्रियों को आरक्षित टिकट नहीं मिल पा रहा है।
आरक्षित टिकट नहीं मिलने से जहां यात्रियों को निजी वाहनों के साथ अमेठी स्टेशन की परिक्रमा करने को मजबूर होना पड़ा रहा है वहीं विभाग को प्रतिदिन करीब 50 हजार रुपये की आर्थिक क्षति भी हो रही है। ऐसा नहीं कि मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को न हो।
यात्रियों की मांग पर स्टेशन अधीक्षक की ओर से लगातार पत्राचार करने के बावजूद अफसर चुप्पी साधे हुए हैं। स्टेशन अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि दोपहर बाद आरक्षित टिकटों की बुकिंग नहीं होने से यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। दोपहर बाद आरक्षित टिकट नहीं मिलने से आए दिन यात्री व कर्मियों के बीच विवाद की स्थित बन रही है।