अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद (Amit Mohan Prasad) ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राइवेट लैब में कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच (Corona Test in Private Lab) के लिए अधिकतम 2500 रुपये शुल्क (Corona test Fees) निर्धारित किया है।लखनऊ
यूपी में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए अब निजी लैब 2500 रुपये से ज्यादा नहीं ले सकेंगी। शासन ने गुरुवार को कोरोना जांच की नई दरें निर्धारित कर दीं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से निजी लैब में भेजे गए सैंपल के लिए 2000 रुपये का भुगतान किया जाएगा। अगर कोई लैब इससे अधिक शुल्क लेती है उसके खिलाफ एपिडेमिक ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
इससे पहले अप्रैल में भी शासन ने ऐसा ही आदेश जारी किया गया था। इसके बाद निजी लैबों में सैंपल लेना बंद कर दिया था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया था कि कम फीस का आदेश सिर्फ विभाग की ओर से भेजे जाने वाले सैंपलों के लिए था। लेकिन गुरुवार को जारी किए गए आदेश में स्पष्ट है कि यदि कोई निजी लैब में कोरोना जांच करवाता है तो उससे 2500 रुपये से ज्यादा नहीं लिए जा सकेंगे।
…तो होगी कार्रवाई
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्राइवेट लैब जो सैंपल खुद एकत्र करेंगी, वे जांच फीस के तौर पर 2000 रुपये से ज्यादा नहीं ले सकेंगी। वहीं सरकारी अस्पताल और निजी अस्पतालों द्वारा जो सैंपल प्राइवेट लैब में जांच के लिए भेजे जाएंगे, उनका शुल्क वह दो हजार रुपये ही ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्राइवेट लैब अगर कोविड जांच के लिए 2500 रुपये से अधिक लेती हैं या अन्य प्रावधानों का अनुपालन नहीं करती हैं तो उनपर एपिडेमिक डिसीज ऐक्ट 1897 एवं उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 विनियमावली-2020 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।