विकास दुबे पर 5 लाख का इनाम घोषित, गृह विभाग ने बढ़ाई इनाम की राशि, यूपी पुलिस के अनुमोदन पर फैसला, 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख इनाम किया, यूपी का सबसे बड़ा इनामी बना विकास दुबे
प्रमुख संवाददाता-राज्य मुख्यालय डीजीपी एचसी अवस्थी ने कानपुर में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) समेत आठ पुलिसकर्मियों की जघन्य हत्या कर फरार हुए हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर अब 2.5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर दिया है। इससे पहले कानपुर जोन के एडीजी जय नारायण सिंह ने उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। पुलिस की 60 से ज्यादा टीमें इस समय उसकी गिरफ्तारी के लिए लगी हुई हैं, जिसमें एसटीएफ की 6 टीमें भी शामिल हैं। कानपुर के चौबेपुर थाने में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 302, 307 व 394 के अलावा सात सीएलए एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में वांछित होने के बाद विकास पर यह पुरस्कार घोषित किया गया है। पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद यह मुकदमा दर्ज किया गया था। इस घटना से पहले विकास पर 25 हजार रुपये का इनाम था। घटना के बाद पुरस्कार की राशि बढ़ाकर पहले 50 हजार, फिर एक लाख और अब 2.5 लाख रुपये कर दी गई। घटना के बाद से ही कानपुर जोन के जिलों के अलावा प्रदेश के सभी जिलों की पुलिस उसकी तलाश में है। घटना के पांचवें दिन भी सफलता न मिलने पर इनाम राशि बढ़ाने की सिफारिश डीजीपी मुख्यालय भेजी गई थी। विकास दुबे पर 5 लाख का इनाम घोषित, गृह विभाग ने बढ़ाई इनाम की राशि, यूपीपुलिस के अनुमोदन पर फैसला, 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख इनाम किया
पुलिस ने अपने इस मोस्ट वांटेड की फोटो वाले पोस्टर भी लगवा रही है। टोल प्लाजा के अलावा नेपाल सीमा से सटे प्रदेश के जिलों में भी ये पोस्टर लगवाए गए हैं। विकास की तलाश में पुलिस के अलावा एसटीएफ की छह टीमें लगी हैं। एसटीएफ के आईजी अमिताश यश खुद अपनी सभी टीमों का पर्यवेक्षण कर रहे हैं। इसी तरह डीजीपी मुख्यालय स्तर से एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं।
कुख्यात विकास दुबे का साला व पुत्र एमपी से गिरफ्तार;
एमपी के शहडोल में भी यूपी पुलिस ने छापेमारी की है। शहडोल में उसका साला ज्ञानेंद्र निगम अपने परिवार के साथ रहता है। सोमवार की देर रात ज्ञानेंद्र के बेटे आदर्श को यूपी एसटीएफ उठा कर ले गई थी। मंगलवार को ज्ञानेंद्र शहडोल एसपी से मिलने पहुंचा था। साथ ही उसने पूरी घटना के बारे में जानकारी दी थी।
अब यूपी एसटीएफ की टीम मंगलवार को देर रात फिर से शहडोल पहुंची और उसके साले ज्ञानेंद्र निगम को उठा कर ले गई है। इसकी पुष्टि शहडोल के बड़े पुलिस अधिकारियों ने की है। वहीं, उसका बेटा पहले से ही यूपी एसटीएफ के कब्जे में हैं। हालांकि उससे पूछताछ के दौरान एसटीएफ को क्या जानकारी मिली है, इसके बारे में अभी तक पुलिस अधिकारियों की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है।