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नवचयनित 36,590 सहायक अध्यापकों को 25 से 27 जनवरी तक स्कूलों में तैनाती दी गई। इससे पहले शासन ने शिक्षक विहीन और एकल विद्यालयों में तैनाती देने की गाइडलाइन जारी की थी। वहीं विधवा, दिव्यांग और महिलाओं को तैनाती में प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए थे।
इसके बावजूद अधिकांश जिलों में हुई काउंसिलिंग में बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने विधवा, दिव्यांग और महिला शिक्षकों को जिला और ब्लॉक मुख्यालय से दूरदराज के स्कूलों में नियुक्ति का विकल्प दिया।
महिला शिक्षकों व उनके साथ गए परिजनों ने जब इस व्यवस्था का विरोध किया तो बीएसए ने शासन की गाइडलाइन का हवाला देकर स्पष्ट कर दिया कि पहले शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक वाले स्कूलों में ही तैनाती की जाएगी।
महिला शिक्षकों का आरोप है कि दूरदराज के गांवों में स्थित स्कूलों में महिलाओं को तैनाती देने के बाद अब जिला और ब्लॉक मुख्यालय के नजदीक स्थित स्कूलों में पुरुष शिक्षकों को आसानी से मनचाही जगह पोस्टिंग का रास्ता साफ हो गया है।
मामले पर स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद का कहना है कि हमारा उद्देश्य पहले शिक्षक विहीन और केवल एक शिक्षक वाले स्कूलों में खाली पद भरना है। विधवा, दिव्यांग और महिला शिक्षकों को भी उनकी पसंद के स्कूलों में तैनाती दी गई है।
नवचयनित 36,590 सहायक अध्यापकों को 25 से 27 जनवरी तक स्कूलों में तैनाती दी गई। इससे पहले शासन ने शिक्षक विहीन और एकल विद्यालयों में तैनाती देने की गाइडलाइन जारी की थी। वहीं विधवा, दिव्यांग और महिलाओं को तैनाती में प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए थे।
इसके बावजूद अधिकांश जिलों में हुई काउंसिलिंग में बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने विधवा, दिव्यांग और महिला शिक्षकों को जिला और ब्लॉक मुख्यालय से दूरदराज के स्कूलों में नियुक्ति का विकल्प दिया।
महिला शिक्षकों व उनके साथ गए परिजनों ने जब इस व्यवस्था का विरोध किया तो बीएसए ने शासन की गाइडलाइन का हवाला देकर स्पष्ट कर दिया कि पहले शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक वाले स्कूलों में ही तैनाती की जाएगी।
महिला शिक्षकों का आरोप है कि दूरदराज के गांवों में स्थित स्कूलों में महिलाओं को तैनाती देने के बाद अब जिला और ब्लॉक मुख्यालय के नजदीक स्थित स्कूलों में पुरुष शिक्षकों को आसानी से मनचाही जगह पोस्टिंग का रास्ता साफ हो गया है।
मामले पर स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद का कहना है कि हमारा उद्देश्य पहले शिक्षक विहीन और केवल एक शिक्षक वाले स्कूलों में खाली पद भरना है। विधवा, दिव्यांग और महिला शिक्षकों को भी उनकी पसंद के स्कूलों में तैनाती दी गई है।