विभाग की उपलब्धियों का लेखाजोखा पेश कर रहे औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना
– फोटो : अमर उजाला
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महाना ने लोकभवन में बताया कि सरकार ने निवेश व कारोबार में रुकावट बनने वाले कायदे-कानून को सरल व सहज बनाते हुए निवेशक फ्रेंडली नीतियां बनाईं। साथ ही आपत्ति, अनापत्ति, लाइसेंस व मंजूरियां ऑनलाइन देने की पहल की गई। पर्ची की जगह पारदर्शी तरीके से ई-ऑक्शन के जरिये भूमि का आवंटन शुरू किया गया। इससे प्रदेश में निवेश का अच्छा माहौल बना।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में इन्वेस्टर्स समिट में 4.28 लाख करोड़ के एमओयू हुए थे। इसके बेहतरीन नतीजे आएं हैं। 211 औद्योगिक परियोजनाओं ने उत्पादन शुरू कर 1.27 लाख लोगों को रोजगार दिया है। लगभग 2.05 लाख लोगों को रोजगार देने वाली 122 परियोजनाएं 35,863 करोड़ रुपये निवेश के साथ क्रियान्वयन के चरण में हैं। जबकि 1,02,924 करोड़ रुपये निवेश की 457 परियोजनाओं के क्रियान्वयन के प्रयास चल रहे हैं।
मंत्री ने बताया कि कोरोना काल के दौरान जब निवेश व उद्योग से जुड़े काम बंद थे, तब भी राज्य ने 14,900 करोड़ रुपये की 26 परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। इनमें से 8,500 करोड़ निवेश वाली 7 परियोजनाओं में उत्पादन शुरू हो गया है। शेष 6,400 करोड़ निवेश की 19 परियोजनाएं क्रियान्वयन चरण में हैं। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान मिला है। वहीं, राज्य सरकार ने 10 देशों से 57,000 करोड़ रुपये के 77 निवेश प्रस्ताव प्राप्त करने में भी सफ लता पाई है। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अरविंद कुमार भी मौजूद थे।
बंगलूरू एयरो इंडियो शो में मिले 13 नए निवेश प्रस्ताव
मंत्री ने बताया कि यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में निवेश के लिए 13 प्रस्ताव मिले हैं। इनमें एसएमपीपी कंपनी के 2400 करोड़ रुपये, पीटीसी इंडस्ट्रीज के 220 करोड़, नाइट्रोडायनमिक एयरोस्पेस एंड डिफेंस के 600 करोड़, ऑप्टिक इलेक्ट्रॉनिक्स के 800 करोड़, एमकेयू लि. व स्ट्रेटजिक सिस्टम्स के 200-200 करोड़ रुपये के प्रस्ताव शामिल हैं।
25 लाख रोजगार एमएसएमई व अन्य सेक्टर से
प्रदेश के मुख्य सचिव तथा अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आरके तिवारी ने बताया कि रोजगार प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारी उद्योग के अलावा एमएसएमई से 19 लाख लोगों और अन्य सेक्टर से 6 लाखों को रोजगार मिले हैं। मनरेगा के अंतर्गत मानव दिवस के आधार पर 36 लाख रोजगार इसके अलावा है।
औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बृहस्पतिवार को योगी सरकार के 4 वर्ष के उपलक्ष्य में विभाग की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा, इस दौरान योगी सरकार ने प्रदएश में निवेश व रोजगार का वातावरण बनाने का काम किया है। नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना कर 1.27 लाख लोगों को रोजगार दिया गया है।
महाना ने लोकभवन में बताया कि सरकार ने निवेश व कारोबार में रुकावट बनने वाले कायदे-कानून को सरल व सहज बनाते हुए निवेशक फ्रेंडली नीतियां बनाईं। साथ ही आपत्ति, अनापत्ति, लाइसेंस व मंजूरियां ऑनलाइन देने की पहल की गई। पर्ची की जगह पारदर्शी तरीके से ई-ऑक्शन के जरिये भूमि का आवंटन शुरू किया गया। इससे प्रदेश में निवेश का अच्छा माहौल बना।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में इन्वेस्टर्स समिट में 4.28 लाख करोड़ के एमओयू हुए थे। इसके बेहतरीन नतीजे आएं हैं। 211 औद्योगिक परियोजनाओं ने उत्पादन शुरू कर 1.27 लाख लोगों को रोजगार दिया है। लगभग 2.05 लाख लोगों को रोजगार देने वाली 122 परियोजनाएं 35,863 करोड़ रुपये निवेश के साथ क्रियान्वयन के चरण में हैं। जबकि 1,02,924 करोड़ रुपये निवेश की 457 परियोजनाओं के क्रियान्वयन के प्रयास चल रहे हैं।
मंत्री ने बताया कि कोरोना काल के दौरान जब निवेश व उद्योग से जुड़े काम बंद थे, तब भी राज्य ने 14,900 करोड़ रुपये की 26 परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। इनमें से 8,500 करोड़ निवेश वाली 7 परियोजनाओं में उत्पादन शुरू हो गया है। शेष 6,400 करोड़ निवेश की 19 परियोजनाएं क्रियान्वयन चरण में हैं। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान मिला है। वहीं, राज्य सरकार ने 10 देशों से 57,000 करोड़ रुपये के 77 निवेश प्रस्ताव प्राप्त करने में भी सफ लता पाई है। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अरविंद कुमार भी मौजूद थे।
बंगलूरू एयरो इंडियो शो में मिले 13 नए निवेश प्रस्ताव
मंत्री ने बताया कि यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में निवेश के लिए 13 प्रस्ताव मिले हैं। इनमें एसएमपीपी कंपनी के 2400 करोड़ रुपये, पीटीसी इंडस्ट्रीज के 220 करोड़, नाइट्रोडायनमिक एयरोस्पेस एंड डिफेंस के 600 करोड़, ऑप्टिक इलेक्ट्रॉनिक्स के 800 करोड़, एमकेयू लि. व स्ट्रेटजिक सिस्टम्स के 200-200 करोड़ रुपये के प्रस्ताव शामिल हैं।
25 लाख रोजगार एमएसएमई व अन्य सेक्टर से
प्रदेश के मुख्य सचिव तथा अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आरके तिवारी ने बताया कि रोजगार प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारी उद्योग के अलावा एमएसएमई से 19 लाख लोगों और अन्य सेक्टर से 6 लाखों को रोजगार मिले हैं। मनरेगा के अंतर्गत मानव दिवस के आधार पर 36 लाख रोजगार इसके अलावा है।